अयोध्या की पावन मिट्टी व सरयू का पवित्र जल कोरबा में दिखा आस्था दर्शन के लिए उमड़ा जनसैलाब

परिजनों सहित जयसिंह अग्रवाल ने स्वागत के बाद नंगे पाव मिट्टी एवं जल को लेकर रामदरबार के गर्भगृह में रखा
जल्द ही भगवान राम की अनूपम मूर्ति भी पहुंचेगी


कोरबा। जीवन में आस्था हो तो कोई भी काम असंभव नहीं होता। आज कोरबा में आस्था का सैलाब देखा गया। जब अयोध्या की पावन मिट्टी और सरयू का पवित्र जल कोरबा पहुंचा तो श्वेता नर्सिंग होम के सामने स्थित हुनमान मंदिर से नवनिर्मित राम दरबार तक एक सैलाब देखा गया। ऐसे में जब भगवान राम की अनुपम मूर्ति कोरबा आयेंगी तो नजारा कैसा होगा। मन उद्वेलित हो रहा था कि भगवान राम की नगरी अयोध्या की पावन मिट्टी का एक स्पर्श हो जाये तो जीवन धन्य हो जायेगा। जब शाम पौने 6 बजे 11 पंडित अयोध्या से मिट्टी और सरयू का जल लेकर हनुमान मंदिर के पास पहुंचे तो इंतजार कर रहे कोरबा विधायक जयसिंह अग्रवाल, उनकी धर्मपत्नी पूर्व महापौर रेणु अग्रवाल तथा उनके परिजनों सहित उपस्थित हजारों भक्तों ने मिट्टी एवं जल को प्रणाम किया और पंडितों का आशीर्वाद लेकर भव्य स्वागत किया गया।

स्वागत कार्यक्रम के बाद अग्रवाल परिजनों के साथ मिट्टी और जल लेकर रामदरबार तक नंगे पांव चले और मिट्टी और जल को मंदिर के उस गर्भ स्थान में रखा जहां भगवान श्रीराम सदा के लिये विराजमान होंगे। मिट्टी और जल के लिए ऐसी आस्था, तो सोचिये जब भगवान श्री राम की अनुपम मूर्ति कोरबा पहुंचेगी और 12 जून को रामदरबार में विराजमान होंगे तो कैसा जनसैलाब उमड़ेगा। अयोध्या की मिट्टी और सरयू नदी का पवित्र जल कोरबा पहुचने के बाद भगवान श्रीराम की अनुपम मूर्ति भी कोरबा शीघ्र पहुचेंगी।
आज पूरा शहर संध्या होते ही मिट्टी और जल के स्वागत के लिये रोशनी से जगमगा रहा था, मानों ऐसा लग रहा था कि भगवान श्री राम के आगमन के पूर्व पावन मिट्टी और सरयू का पवित्र जल के स्वागत के लिये गोधूली बेला भी रुकने को आतुर थी। इन्द्रदेव भी स्वागत के लिये जलवर्षा कर दी और अपनी बूंदों के जरिये पवित्र मिट्टी और जल को स्पर्श कर धन्य हुये। जब मिट्टी और जल गर्भगृह में पहुंचे तो सूर्य देव भी दर्शन कर अस्त हो गये और फिर से उस सुबह की तलाश में जब भगवान राम की मूर्ति आएगी तब फिर से भगवान सूर्य देव इस अनुपम मूर्ति का दर्शन करने आयेंगे। इसके साथ हजारों की संख्या में भगवान राम के भक्त भी आयेंगे और जब भगवान राम की अनुपम मूर्ति सदा के लिये रामदरबार में विराजमान होंगे तो कोरबा की धरा भी धन्य हो जाएगी।