एनकेएच का कैथलैब हृदयरोगियों के लिए अत्यंत लाभकारी साबित हो रहा
कोरबा। शहर के सुपर स्पेशिलिटी हास्पिटल एनकेएच में कैथलैब की सुविधा प्रारंभ होने से हृदय रोगियों को राहत मिलने के साथ जीवन की रक्षा हो रही है। एंजियोग्राफी व एंजियोप्लास्टी का समय पर लाभ संबंधितों को प्राप्त हो रहा है। इसी कड़ी में एक बड़ी उपलब्धि के साथ जिले का पहला सफल पेसमेकर ट्रांसप्लांट भी किया गया जिससे मरीज को नई जिंदगी मिली। एक ही दिन में 4 सफल एंजियोप्लास्टी भी की गई।
हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. सतीश सूर्यवंशी व टीम के द्वारा सर्जरी की गई तथा 20 से ज्यादा मरीजों को कॉर्डियक ओपीडी में देखा गया। प्रारंभ से लेकर अभी तक 100 से ज्यादा मरीज का एंजियोप्लास्टी कोरबा में हो चुका है व लगभग 1000 से ज्यादा मरीज हृदय रोग का इलाज भी करा चुके हैं। एनकेएच के डायरेक्टर डॉ. एस चंदानी ने कहा है कि यह सुविधा मिलने से कोरबा जिलावासियों को काफी राहत मिल रही है। अस्पताल में रायपुर के सुपर स्पेशलिस्ट व ह्दय रोग विशेषज्ञ डॉ.सतीश सूर्यवंशी, डॉ.एस. एस. मोहंती, डॉ भरत अग्रवाल अपनी सेवाएं निरंतर दे रहे हैं। नियमित रूप से एंजियोप्लास्टी एवं एंजियोग्राफी की सुविधा एन के एच में दी जा रही है। जिससे लोग लाभान्वित हो रहे हैं।
क्या है पेसमेकर प्रत्यारोपण
स्थायी पेसमेकर प्रत्यारोपण (Permanent Pacemaker Implantation) एक चिकित्सा प्रक्रिया है जिसका उपयोग असामान्य हृदय गति (अरिदमिया) के इलाज के लिए किया जाता है, जैसे कि ब्रैडीकार्डिया (धीमी हृदय गति)। पेसमेकर एक छोटा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जिसे छाती में प्रत्यारोपित किया जाता है। यह हृदय की गति को नियमित करने के लिए विद्युत आवेग भेजता है।
0 कब आवश्यक होता है पेसमेकर?1. ब्रैडीकार्डिया: जब हृदय की गति सामान्य से धीमी हो।
1. ब्रैडीकार्डिया: जब हृदय की गति सामान्य से धीमी हो।
2. पूर्ण हृदय अवरोध: जब हृदय की विद्युत प्रणाली बाधित हो।
3. हृदय विफलता : जब विद्युत गड़बड़ी के कारण हृदय सही तरीके से काम नहीं करता।
4. सर्जरी के बाद अरिदमिया: हृदय सर्जरी के बाद अनियमित धड़कन।
5. जन्मजात या अर्जित हृदय ब्लॉक: हृदय में विद्यमान रुकावट।
पेसमेकर ट्रांसप्लांट के बाद सावधानियां और देखभाल
1. नियमित जांच और पेसमेकर का फॉलो-अप।
2. भारी उपकरणों या चुंबकीय क्षेत्र से बचाव।
3. लक्षण जैसे चक्कर आना या बेहोशी महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
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