परीक्षा जरूरी या चुनाव? कांग्रेस ने निकाय-पंचायत चुनाव की टाइमिंग पर उठाये सवाल, बैज बोले, मौजूदा रिजर्वेशन से पिछड़ा वर्ग को बड़ा नुकसान

Is examination necessary or election? Congress raised questions on the timing of civic-panchayat elections, Baij said, backward classes are facing a big loss due to the current reservation

रायपुर 17 जनवरी 2024। ओबीसी आरक्षण को लेकर छत्तीसगढ़ की राजनीति गरम है। कांग्रेस ने आज प्रेस कांफ्रेंस कर भाजपा पर गंभीर आरोप लगाये। पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा कि ओबीसी आरक्षण को सरकार गंभीरता से ले। ओबीसी वर्ग को कैसे उनका हल मिले, इसे लेकर सरकार को प्रयास करना चाहिये। बैज ने कहा कि राज्य सरकार ने आरक्षण की जो प्रक्रिया की है, उसे पिछड़ा वर्ग को काफी नुकसान हुआ है।

मौजूदा आरक्षण से पिछड़ा वर्ग नाराज

प्रेस कांफ्रेंस में पूर्व अध्यक्ष धनेंद्र साहू, अमितेश शुक्ला, राजेंद्र तिवारी, सुरेंद्र शर्मा भी मौजूद  थे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि जिला पंचायत में 33 में से एक भी ओबीसी का पद आरक्षित नहीं है, जबकि पिछले सरकार में 7 पद आरक्षित थे। इसी तरह नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में ओबीसी वर्ग को नुकसान हो रहा है, प्रदेश में ओबीसी वर्ग जबरदस्त आंदोलित है। चुनाव कार्यक्रम घोषित होने से पहले सरकार इस आरक्षण को रद्द कर, नए प्रक्रिया से ओबीसी आरक्षण को बहाल करें।

दीपक बैज ने कहा कि हार के डर से घबराई बीजेपी अब EVM की शरण में पहुंच गयी है। पहले बैलेट पेपर से चुनाव कराने की बात कही गयी थी, अब EVM से चुनाव कराने की बात कही जा रही है, जबकि इस EVM में VVPAT भी नहीं है। इसलिए EVM की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराना चाहिए।

परीक्षा ज्यादा जरूरी या चुनाव

बैज ने कहा कि ये वक्त परीक्षा का है, ऐसे समय नगरीय निकाय का चुनाव सही नहीं है। हर वार्ड में, गली मोहल्लों में लाउड स्पीकर बजता रहेगा, बच्चे परीक्षा की तैयारी कैसे करेंगे। आंगनबाड़ी केंद्र, स्कूलों में ही पोलिंग बूथ होगी? ऐसे में चुनाव कराना छात्र हित में नहीं होगा। सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि पहले परीक्षा होगा कि चुनाव? कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बीजेपी के डर की वजह से यह स्थिति बनी है, सही समय में चुनाव करा लेना था।

वहीं धान खरीदी को लेकर अव्यवस्था का भी आरोप कांग्रेस ने लगाया है। उन्होंने कहा कि किसानों को धान का भुगतान नहीं हो रहा है। अभी सरकार 2300 प्रति क्विंटल की दर पर खरीदी कर रही है, एकमुश्त 3100 रुपए देने का वादा किया था, लेकिन भुगतान नहीं कर रहे हैं। 3100 रुपए और बढ़े हुए दाम 117 रुपए को जोड़कर 3217 रुपए देने चाहिए।