कोरबा जिले के जंगल से निकलकर एक भारी भरकम भालू मड़वारानी रेलवे स्टेशन के पास जा पहुंचा। वो जंगल में लौटता, इससे पहले लोगों की आवाजाही शुरू हो गई। इससे भालू पेड़ पर करीब 20 फीट ऊपर चढ़ गया। उसे रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ने वनकर्मी पूरे दिन डटे रहे। आखिरकार मंगलवार की देर शाम भालू के पेड़ से उतरते ही जंगल की ओर खदेड़ा गया।
कोरबा वनमंडल के करतला वन परिक्षेत्र अतंर्गत सरगबुंदिया सर्किल में भालु व चीतल सहित अन्य वन्यजीवों की भरमार है, जो जंगल के भीतर स्वतंत्र विचरण करते हैं। कई बार वन्यजीव भोजन व पानी की तलाश में आबादी वाले क्षेत्र तक पहुंच जाते हैं मंगलवार की तड़के भी एक भारी भरकम भालू जंगल से निकलकर मड़वारानी रेलवे स्टेशन के समीप जा पहुंचा। वह काफी देर तक आसपास विचरण करता रहा। इस बीच उजाला होते ही लोगों की आवाजाही शुरू हो गई। जंगल में लौटने के बजाय भालू रेलवे स्टेशन और कोरबा- चांपा मार्ग के बीच सेमर पेंड़ में करीब 20 फीट उपर जा चढ़ा। इस बीच लोगों की नजर भालू पर पड़ गई। यह खबर मिलते ही कौतुहलवश भालू को देखने भीड़ एकत्रित होने लगी। जिसकी सूचना वन विभाग के अफसरों को मिली। वनमंडलाधिकारी अरविंद पीएम के निर्देश पर एसडीओ सूर्यकांत सोनी ने तत्काल भालू को रेस्क्यू आपरेशन कर जंगल में छोड़ने टीम रवाना कर दिया। सरगबुंदिया सर्किल प्रभारी बीके शुक्ला के नेतृत्व मे टीम मौके पर पहुंची। टीम ने आसपास मौजूद भीड़ को हटाया, तत्पश्चात पूरे दिन भालू की निगरानी में जुटी रही। देर शाम अंधेरा होते ही भालु पेंड़ से नीचे उतरा। वन कर्मियों ने पूरी एहतियात के साथ उसे जंगल की ओर खदेड़ने में सफलता पाई।
वन्यजीवों के स्वच्छंद विचरण में सड़क निर्माण बाधा
ग्रामीणों की मानें तो मड़वारानी की पहाड़ी भालू विचरण करते हैं। जिस भालू का रेस्क्यू किया गया, वह अक्सर अन्य भालुओं के साथ मंदिर के आसपास देखा जाता था, लेकिन सड़क निर्माण शुरू होने के बाद उसका कुनबा छोटा हो गया है। बीते कुछ समय से भारी भरकम भालू की नजर आ रहा है। संभवत: अन्य भालू दीगर क्षेत्र की ओर कूच कर गए हैं।