रायपुर : युक्तियुक्तकरण नीति से कबीरधाम जिले के 12 स्कूलों में वाणिज्य विषय-विशेषज्ञ शिक्षकों की हुई नियुक्ति

With rationalization policy, commerce subject specialist teachers were appointed in 12 schools of Kabirdham district

ग्रामीण अंचलों के विद्यार्थियों को मिलेगा गुणवत्तापूर्ण शिक्षण, शैक्षणिक स्तर में आएगा सुधार


रायपुर, 13 जून 2025/छत्तीसगढ़ शासन की युक्तियुक्तकरण नीति ने कबीरधाम जिले के विद्यार्थियों के भविष्य को एक नई दिशा दी है। इस नीति के तहत अब स्कूलों में विषय-विशेषज्ञ शिक्षकों की तैनाती सुनिश्चित की जा रही है, जिससे छात्रों को उनकी कक्षा और विषय के अनुसार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके। जिले के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में गणित, विज्ञान, रसायन और वाणिज्य जैसे प्रमुख विषयों के लिए योग्य शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। यह पहल न केवल शिक्षण व्यवस्था को संतुलित कर रही है, बल्कि ग्रामीण व दूरस्थ क्षेत्रों के विद्यार्थियों को भी शिक्षा के समान अवसर प्रदान कर रही है। महत्वपूर्ण विषयों में शिक्षकों की तैनाती से छात्रों की पढ़ाई में आ रही बाधाएँ अब दूर होगी।
       शासन की मंशा है कि शहरी ही नहीं, बल्कि दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों को भी उनकी रुचि और आवश्यकता के अनुसार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध हो। इसी उद्देश्य को केंद्र में रखते हुए कबीरधाम जिले के 12 शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में वाणिज्य विषय के लिए विषय-विशेषज्ञ शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खैरबनाकला, रेंगखार कला, रामपुर, गेंदपुर, सिलहाटी, सूरजपुरा वन, नवघटा, कुकदूर, खैरझिटी पुराना, पलानसरी, पंडरिया और सिंघारी के स्कूल में वाणिज्य विषय के लिए विषय-विशेषज्ञ शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। इन विद्यालयों में अब बच्चों को न केवल बेहतर शिक्षण सुविधा मिलेगी, बल्कि उन्हें विषय की गहरी समझ और मार्गदर्शन भी प्राप्त होगा।
         स्कूलों में विशेषज्ञ शिक्षकों की नियुक्ति से छात्रों की शैक्षणिक गुणवत्ता और आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। पहले जहां कई विद्यालयों में एकल शिक्षक के कारण विषय विशेष की शिक्षा बाधित हो रही थी, अब युक्तियुक्तकरण के तहत हर विषय के लिए योग्य शिक्षक उपलब्ध कराए जा रहे हैं शासन की यह नीति केवल शिक्षकों के युक्तिकरण की योजना भर नहीं है, बल्कि यह एक दूरदर्शी और क्रांतिकारी प्रयास है, जो शिक्षा के क्षेत्र में संतुलन, पारदर्शिता और प्रभावशीलता लाने का कार्य कर रही है। इससे शिक्षा व्यवस्था न केवल सुदृढ़ होगी, बल्कि परिणाममुखी भी बनेगी, जिसका प्रत्यक्ष लाभ छात्रों को मिलेगा। इस नीति का सबसे बड़ा लाभ ग्रामीण अंचलों के विद्यार्थियों को मिलेगा, जो अब तक संसाधनों की कमी और शिक्षकों की अनुपलब्धता के कारण पिछड़ रहे थे। विशेषज्ञ शिक्षकों की तैनाती से अब यह विद्यार्थी भी प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं में न केवल भाग ले सकेंगे, बल्कि सफलता भी अर्जित करेंगे।