कोरबा में हाथी की सवारी क्या पड़ेगी भारी,महापौर के लिए बसपा प्रत्याशी नंदनी साहू ने झोंकी ताकत

Will elephant ride in Korba prove costly, BSP candidate Nandini Sahu has put in all her efforts for the post of Mayor

कोरबा08 फरवरी 2025: नगर निगम चुनाव को लेकर कोरबा में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। इस बीच महापौर पद की बसपा प्रत्याशी नंदनी साहू ने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है। वे लगातार वार्डों में जाकर जनसंपर्क अभियान चला रही हैं और आमजन से मिल रहे अपार समर्थन के चलते उनका चुनावी अभियान और भी मजबूत हो गया है।

सभी वार्डों में मिल रहा जनता का जबरदस्त समर्थन नंदिनी साहू ने आज कोरबा नगर के कई वार्डों में जनसंपर्क किया, जहां स्थानीय लोगों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया और उनके समर्थन में खुलकर सामने आए गए है। वार्डों में घूमते हुए उन्होंने जनता से बातचीत की और उनकी समस्याओं को सुना। उन्होंने आश्वासन दिया कि यदि जनता उन्हें अवसर देती है, तो वे कोरबा नगर के विकास के लिए पूरी निष्ठा से कार्य करेंगी।

इसके साथ उन्होंने कहा कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों के नेताओं से कोरबा की जनता त्रस्त हो चुकी है और अब उन्हें तीसरे विकल्प का इंतजार है।

जनता ने किया फूल-मालाओं से स्वागत

जनसंपर्क के दौरान लोगों ने नंदिनी साहू को फूल-मालाओं से स्वागत किया और उनके समर्थन में नारेबाजी किया गया । कई स्थानों पर लोगों ने खुद आगे बढ़कर उनका हाथ पकड़कर अपना समर्थन जताया। उन्होंने जनता से अपील की कि वे जाति-धर्म और दलगत राजनीति से ऊपर उठकर योग्य प्रत्याशी को चुनें।

नंदिनी साहू ने किया बड़ा वादा

नंदिनी साहू ने जनता से संवाद करते हुए कहा कि यदि वे महापौर बनती हैं तो शहर में सफाई व्यवस्था, पानी आपूर्ति, सड़क और मूलभूत सुविधाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि वे हाशिए पर खड़े समाज के हर व्यक्ति को मुख्यधारा में लाने के लिए काम करेंगी और सरकारी योजनाओं के लाभ से हर लाभार्थी को लाभान्वित करेंगे।

महापौर प्रत्याशी को लेकर कांग्रेस से उषा तिवारी मैदान में है और भाजपा से संजू देवी राजपूत इसी तरह बसपा से नंदिनी साहू और आप पार्टी से लखनी साहू मैदान में है चारो राष्ट्रीय पार्टी के उम्मीदवारों के साथ निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी ताल ठोकी है।

आज से चुनाव प्रचार थम गया है 11 फरवरी को मतदान है मतदान और मतगणना के बाद ही परिणाम स्पष्ट हो पाएगा ।

अब देखना होगा जीत का सेहरा किसके सर पर चढ़ता है जनता किसके ऊपर अपना विश्वास को केंद्रित करती है।