जंगली हाथी का आतंक: गेंहू फसल की सिंचाई कर लौट रहे किसान को हाथी ने कुचला, दर्दनाक मौत

Wild elephant terror: Farmer returning after irrigating wheat crop crushed by elephant, painful death

अंबिकापुर,02 मार्च । पिछले कई दिनों से सीतापुर, बतौली क्षेत्र में अकेले विचरण कर रहे जंगली हाथी ने लुंड्रा के झेराडीह के समीप पहुंच गया। गेंहू की फसल की सिंचाई कर घर लौट रहे कृषक का हाथी से सामना हो गया। हाथी ने कृषक को कुचल कर मार डाला। कृषक का बेटा किसी तरह जान बचाकर भाग निकला। क्षेत्र में हाथी की उपस्थिति की जानकारी नहीं थी। वन कर्मचारियों को भी इस बात की जानकारी नहीं थी कि हाथी लुंड्रा क्षेत्र में पहुंच गया है। बतौली के मानपुर जंगल की ओर से हाथी मानपुर ,गाजरमुंडा होते झेराडीह बस्ती के समीप शुक्रवार रात को पहुंचा था। खेतों के आसपास ही वह विचरण कर रहा था।

हाथी की निगरानी नहीं हो रही थी। गांववालों को भी पता नहीं था कि हाथी की उपस्थिति है। गेहूं के खेत में सिंचाई कर रात लगभग नौ बजे केशव पैकरा (62) अपने पुत्र के साथ घर की ओर लौट रहा था। उसी दौरान हाथी से आमना- सामना हो गया। बेटा तो किसी तरह भाग निकला लेकिन केशव पैकरा को हाथी ने सूड़ से उठाकर पटक दिया। पैरों से कुचलने के कारण उसकी मौत हो गई। हाथी काफी देर तक शव के आसपास ही मंडराता रहा। घटना की सूचना पर पुलिस व वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। हाथी के चले जाने के बाद अंग-भंग वाले शव को समेट कर मृतक के घर पहुंचाया गया है। हाथी अभी भी इसी क्षेत्र में है।

बीते मंगलवार को सीतापुर के शिवनाथपुर में हाथी के हमले से बुजुर्ग की मौत हुई थी। संभावना जताई जा रही है कि उसी हाथी ने झेराडीह में ग्रामीण को कुचला है। जशपुर जिले से भटक कर यह हाथी सरगुजा जिले में घुसा है। सीतापुर ,बतौली वन परिक्षेत्र के बाद यह लुंड्रा क्षेत्र में घुसा है। अकेला होने के कारण इसके लोकेशन का पता लगाना भी चुनौतीपूर्ण है।