11 दिन में 22 चुनावी सभा कर चुके हैं विष्णुदेव साय, मुख्यमंत्री ने झोंकी अपनी पूरी ताकत, प्रदेश की पूरी 11 की 11 सीटें जीतने का है लक्ष्य

Vishnudev Sai has held 22 election meetings in 11 days, the Chief Minister has put in all his strength, the target is to win all 11 seats of the state

रायपुर 5 अप्रैल 2024। 16 मार्च को लगी आचार संहिता के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने न केवल 11 दिनों में 22 सभाओं सहित ताबड़तोड़ संगठनात्मक बैठकें लेकर भाजपा के चुनाव अभियान को चरम पर पहुंचा दिया है वरन वे प्रचंड गर्मी की परवाह न करते हुए जिस तरह से आम जनता के बीच जा रहे हैं, वह अपने आप में विशाल है। सुबह छः बजे शुरू होने वाली उनकी दिनचर्या देर रात को कार्यकर्ताओं और आम जनता से मुलाकात के बाद समाप्त होती है। खुद के मोबाइल पर आने वाली कॉल भी बीच-बीच में स्वयं उठाते हैं, जो सामान्यतः दूसरे मुख्यमंत्रियों में कम ही नजर आता है। ग्यारह दिनों में ही मुख्यमंत्री ने कांग्रेस को पूरी तरह बैकफुट पर ला दिया है, जो अब मुकाबला न कर पाने की स्थिति में नजर आने लगी है।

20 मार्च 2024 को दंतेवाड़ा में माँ दंतेश्वरी के दर्शन-पूजन के बाद श्री साय ने अपने चुनावी अभियान का शुभारम्भ किया। जिसके बाद वे बस्तर लोकसभा क्षेत्र में सात सभाएं, कांकेर लोकसभा क्षेत्र में सात सभाएं, राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र में तीन सभाएं और महासमुंद, रायपुर, दुर्ग, जांजगीर व बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र में एक-एक सभाएं कर चुके हैं। मुख्यमंत्री की सभा में आमजन की स्व-स्फूर्त भीड़ उमड़ रही है। लोग सीएम साय के भाषण को बड़े ही उत्साह से सुन रहे हैं और ताली बजाकर, नारे लगाकर अपना पूर्ण समर्थन भी दे रहे हैं।

मुख्यमंत्री की प्रत्येक सभा में महिलाओं की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। महिलाएं सीएम साय की बात को ध्यान से सुन भी रही हैं। इसका प्रमुख कारण विष्णु सरकार द्वारा महतारी वंदन योजना को प्राथमिकता से लागू करने को माना जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत अब तक प्रदेश की 70 लाख 12 हजार 417 महिलाओं को प्रति महीने 655 करोड़ 57 लाख रूपये के हिसाब से दो महीने की किश्त जारी हो चुकी है। जिससे महिलाएं बहुत ही खुश हैं, मोदी और भाजपा सरकार के प्रति उनका विश्वास बढ़ा है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, कार्यकर्ता सम्मेलन और जनसभाओं में पिछली कांग्रेस सरकार में हुए भ्रष्टाचार, घोटाले व उनकी नाकामी को लगातार जन-जन के बीच उजागर कर रहे हैं। जिस पर आमजन की खूब तालियां बज रही है। बीच-बीच में वो जनता से कनेक्ट करने के लिए उनसे सवाल भी करते हैं। वो बार-बार पूछते हैं कि मोदी जी की सरकार तीसरी बार बनानी है या नही, जिसका जवाब हाँ में मिलता है। वो जनता को बताते हैं कि कैसे भूपेश बघेल की अगुवाई में कांग्रेस ने शराब, रेत, कोयला, सरकारी जमीन, पीएससी सबमें घोटाला किया और यहाँ के संसाधनों को लूटा। वो भूपेश बघेल पर महादेव एप को निर्बाध रूप से चलाने के लिए 508 करोड़ रूपये प्रोटेक्शन मनी लेने के आरोप और उस पर हुई एफआईआर को जनता को बता रहे हैं, इसे छत्तीसगढ़ के लिए शर्म की बात कह रहे हैं। श्री साय कांग्रेस द्वारा किये गए 36 वादों में एक भी वादे को ठीक से पूरा नहीं करने की बात लगातार जनता को बता रहे हैं। उनके भाषणों में यह प्रमुखता से शामिल है।

सीएम साय अपनी हर जनसभा में मोदी की गारंटी के अंतर्गत पूरे किये गए प्रमुख वादों को जनता को बता रहे हैं। वे कहते हैं कि भाजपा सरकार बनने के मात्र 100 दिनों के अंदर ही हमने मोदी की गारण्टी के अंतर्गत प्रमुख वादों को प्राथमिकता से पूरा किया। इन वादों में वे 18 लाख परिवारों के पीएम आवास के लिए राज्यांश देने, 12 लाख से अधिक किसानों को धान खरीदी के 2 वर्ष का 3716 करोड़ रूपये का बकाया बोनस देने, प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदने, प्रति क्विंटल 3100 रूपये में धान खरीदने, 145 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने, 24.72 लाख किसानों को 917 रूपये प्रति क्विंटल के मान से 13,320 करोड़ रूपये धान की अंतर की राशि देने, महतारी वंदन योजना के तहत प्रदेश की 70 लाख 12 हजार 417 महिलाओं को दो महीने की किश्त जारी करने, श्रीरामलला दर्शन योजना को लागू करने, सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ता में 4% की वृद्धि करने, वनांचलों में 5500 रुपया प्रति मानक बोरे की दर से तेंदूपत्ता खरीदने, चरण पादुका योजना को पुनः लागू करने, पीएससी घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपने की बात जनता से प्रमुखता से कर रहे हैं। वे चुनाव के बाद बची हुई गारंटियों को प्रमुखता से पूरा करने की बात जनता से कहते हैं।

जब से विष्णु देव साय ने प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण किया है, कांग्रेसी अक्सर सांय-सांय शब्द का प्रयोग कर उनको लगातार घेरने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन सीएम साय ने इस नारे को ही अपना प्रमुख हथियार बना लिया। वे अपनी सभाओं में कह रहे हैं कि हमारी सरकार ने मोदी की गारण्टी के प्रमुख वादों को सांय-सांय पूरा किया और आगे भी सांय-सांय पूरा करेंगे। हमारी सरकार के सांय-सांय काम को देखकर कांग्रेस का बाय-बाय हो रहा है और इस बार जनता, कांग्रेस को पूरी तरह से बाय-बाय कर देगी। मुख्यमंत्री का यह बयान न केवल पूरे प्रदेश में वायरल है वरन सोशल मीडिया में साकारात्मक मीम्स भी बन रहे हैं।

विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद कांग्रेस में आपसी सिर फुटौव्वल जारी है। उसके नेता लगातार एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं, हार के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, जिससे कांग्रेसी कार्यकर्ता हतोत्साहित हो रहे हैं, जिसका सीधा लाभ भाजपा को मिल रहा है। रही-सही कसर नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने पूरी कर दी है। जिन्होंने राजनांदगांव में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नामांकन सभा के दौरान प्रधानमंत्री के विरुद्ध अमर्यादित टिप्पणी करते हुए कहा था कि नरेंद्र मोदी के खिलाफ कोई लाठी लेकर खड़ा हो सकता है तो वो भूपेश बघेल हैं, हम लोगों को लाठी चलाने वाला, नरेंद्र मोदी के सर को फोड़ने वाला आदमी चाहिए, जो भूपेश बघेल और देवेंद्र यादव ही कर सकते हैं। महंत के इस बयान पर जवाबी पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि – मैं भी मोदी का परिवार हूँ और अगर कांग्रेसियों में हिमत है तो पहली लाठी मुझे मारे। उनके इस बयान के बाद भाजपा नेताओं ने इसी तर्ज पर वीडियो बना सोशल मीडिया पर हैशटैग कैंपेन भी चलाया, जिससे कांग्रेस को बैकफुट पर आकर सफाई देनी पड़ी। लेकिन कांग्रेस का नुकसान हो चुका है। कांग्रेस, मुख्यमंत्री के तूफानी दौरों, भाषणों और भाजपा के चुनावी बढ़त से ही परेशान नहीं है वरन उसके खुद के कुनबे में सिर फुटौव्वल जारी है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, विधायक देवेंद्र यादव, सरगुजा की प्रत्याशी शशि सिंह सहित अन्य कांग्रेस प्रत्याशियों का उनके ही नेता लगातार विरोध कर रहे हैं। राजनांदगांव, बिलासपुर, सरगुजा, महासमुंद और कोरबा में प्रत्याशियों का स्थानीय कांग्रेस पदाधिकारी और कार्यकर्ता द्वारा जमकर विरोध हो रहा है। कांग्रेसी अपने आप को ठगा-ठगा सा महसूस कर रहे हैं। इसका भी सीधा लाभ भाजपा को मिल रहा है।

कुल मिलाकर देखा जाए तो सरल, सहज, सौम्य समझे जाने वाले मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपनी चुनावी सभाओं में जिस तरह कमान संभाली है और कई मौकों पर आक्रामक हो कर कांग्रेस को बैकफुट पर धकेला है, उससे कांग्रेसी कुनबा सदमे में है। जहाँ तक श्री साय का सवाल है तो चुनावी जूनून में उन्होंने धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में पानी-बरसात की वजह से हेलीकॉप्टर छोड़ सड़क मार्ग से ही सफर करने से भी कोई गुरेज नहीं किया। घटना नारायणपुर के बेनूर क्षेत्र की है। यह पहला मौका था जब किसी सीएम ने यहाँ सड़क मार्ग से सफर किया।

विष्णुदेव साय की यह मेहनत क्या रंग लाएगी, यह तो चुनाव परिणाम बताएगा। मगर सीएम साय संगठन को साथ लेकर अपने आत्मविश्वास भरे तूफानी दौरों की बदौलत सभी ग्यारह लोकसभा सीट जीतने के प्रति आश्वस्त लगते हैं।