संयंत्र से निकले राख को खाली मैदान में डंप करने पहुंचे हाईवा को ग्रामीणों ने पकड़
कोरबा/ राखड़ सप्लाई के ठेकेदार की मनमानी डंपिंग से नाराज ग्रामीणों ने किया विरोध दर्री चोरभट्टी गांव के समीप जगह-जगह सीएसईबी संयंत्र से निकले राख को सीएसईबी के ठेकेदारों के द्वारा वेस्टेज राख को किसी अन्य जगह पर डंप करने के बजाए रुपया बचाने के चक्कर में वार्ड क्रमांक 46 चोरभट्टी के समीप गांवों के मुख्य मार्ग से लगे खेत-खलिहान तालाब और रिक्त स्थानों पर रात के समय राखड़ डंप कर दिया जा रहा है जिससे प्रदूषण की मार ,तालाब और खेतों की बर्बादी हो रही है इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने मंगलवार की रात डंप करने पहुंचे दो हाईवा को ग्रामीणों ने पकड़ा गाड़ी रुकवा कर ग्रामीणों ने शांति पूर्व विरोध प्रदर्शन किया ग्रामीणों का कहना था कि गांव के आसपास डंप किया गया राखड़ सीएसईबी के संयंत्र से निकला है। सीएसईबी और एनटीपीसी प्रबंधन मनमाने ढंग से राख का परिवहन कराकर ग्रामीणों को संकट में डाल रहा है। राखड़ से भरी ओवरलोड गाड़ियों के कारण आए दिन हादसे हो रहा है सूचना मिलने पर दर्री पुलिस और तहसीलदार मौके पर पहुंची और कार्रवाई करने के आश्वासन दिया गया है
विद्युत संयंत्रों की राख की वजह से जनता प्रदूषण की मार से त्रस्त है। इन संयंत्रों से निकलने वाले राख को खुले में डंप किया जा रहा है। इससे हवा में राखड़ घुल रहा है। सडक़ किनारे राखड़ के ढेर से हादसों का खतरा भी बना हुआ है। चोरभट्टी गोपालपुर दर्री बाइपास मार्ग पर और कई, जगह जगह- राखड़ को डंप किया जा रहा है। राखड़ परिवहनकर्ताओं को निर्देश है कि लो लाइन और चिन्हित एरिया में ही राखड़ का डंप करना है, पर इस निर्देश और एनजीटी के नियम कानून की खुलेआम धज्जियां उड़ रही है। स्थानीय प्रशासन और पर्यावरण विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा है। कई जगह पर राखड़ की वजह से मार्ग से चलना तक दुर्भर हो गया है।
क्या कहते हैं ग्रामीण
सरस्वती कंवर ग्रामीण का कहना है
घरों में राख भर जाता है खाने पीने के समान में भी राख चली जाती है। हमेशा घरों में रखा सामान को राख के कारण साफ करनी पड़ती है आंधी की वजह से खुले में राख डंप की वजह से बहुत ही ज्यादा परेशानी होती है जिसको लेकर कई बार प्रशासन से शिकायत की जा चुकी है, उसके बावजूद भी समस्या का समाधान नहीं किया जाता है
फूल कुमर महत का कहना है,
राख को जगह-जगह डाल दिया गया है इस गांव में एक तालाब है तालाब के पास में भी राख को डंप कर दिया गया है रात में एक से दो बजे के बीच में गाड़ी लोड करके आते हैं और अपना सुविधा के अनुसार डंप कर चले जाते हैं जिससे हल्का हवा चलने से कई प्रकार की समस्या बनी रहती है सीएसईबी के द्वारा कहां जाता है कि हम इस बस्ती को गोदनामा लिए है पर आज तक सीएसईबी कुछ भी सुविधा नहीं दिया है, और इस गांव से अपना सुविधा निकल रहे हैं
कपिल सिंह ग्रामीण का कहना है
,गांव के बीचो-बीच रखकर डंप कर चले जाते हैं इसमें मिट्टी नहीं ढकने के कारण खाना कपड़ा सब गंदा हो जाता है यहां पास में मिट्टी निकालने के लिए बड़े-बड़े गड्ढा भी कर दिया जाता है जिससे हमारे गांव में पानी की बहुत समस्या है