कोरबा/सुहागिनों ने वट सावित्री की पूजा कर अखंड सुहाग की कामना की। वहीं, सुहागिनों ने बरगद पेड़ के नीचे सत्यवान व सावित्री की आराधना कर पूजा की। ज्येष्ठ कृष्ण शनि अमावस्या को महिलाओं ने विधि विधान के साथ पूजा अर्चना करने के साथ वट वृक्ष को रक्षा सूत्र बांध कर परिक्रमा की गई। कोरबा नगर से लेकर उपनगरीय और ग्रामीण क्षेत्र में वट सावित्री की पूजा की गई सनातन धर्म मे ऐसे व्रत त्योहार प्राचीनकाल से स्थापित है। इस परंपरा का निर्वहन हिंदू समाज भली-भांति कर रहे है। इसी कड़ी में जेष्ठ अमावस्या को वट सावित्री व्रत रखने के साथ महिलाओं ने वटवृक्ष की पूजा की और अखंड सौभाग्य के लिए वरदान मांगा। वट वृक्ष के पत्तों के साथ विधान की पूर्ति की गई। 42 डिग्री तापमान को देखते हुए आज सुबह से पूजा अर्चना का सिलसिला शुरू हो गया था। व्रती समूह ने यहां सत्यवान सावित्री की प्रेरणादायक कथा का श्रवण किया । इस अवसर पर वटवृक्ष की 108 बार परिक्रमा की गई और पति के दीर्घ जीवन की कामना की गई। आरती के बाद महिलाओं ने एक दूसरे को सिंदूर लगाया और व्रत की शुभकामनाएं दी। आज शाम मीठा भोजन करने के साथ व्रत का पारायण किया जाएगा।