नई दिल्ली। आज के डिजिटल युग में ईयरफोन हमारी रोजमर्रा की ज़िंदगी का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं। मेट्रो में सफर हो, ऑफिस का काम, या फिर देर रात तक म्यूजिक सुनना—ईयरफोन हर पल साथ होते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ईयरफोन का अधिक और गलत इस्तेमाल आपकी सुनने की क्षमता पर स्थायी असर डाल सकता है?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यदि लगातार तेज आवाज़ में लंबे समय तक ईयरफोन का उपयोग किया जाए, तो इससे कानों के भीतर मौजूद नाजुक ‘हेयर सेल्स’ को नुकसान पहुंच सकता है। यही सेल्स ध्वनि को मस्तिष्क तक पहुंचाने का काम करते हैं। यदि ये एक बार नष्ट हो जाएं, तो दोबारा नहीं बनते, जिससे व्यक्ति स्थायी बहरेपन का शिकार हो सकता है।
डॉक्टर्स और ऑडियोलॉजिस्ट ’60-60 रूल’ अपनाने की सलाह देते हैं:
- 60% वॉल्यूम से ज्यादा पर कभी न सुनें
- लगातार 60 मिनट से ज्यादा ईयरफोन का उपयोग न करें
इसके अलावा, ओवर-ईयर हेडफोन इन-ईयर ईयरफोन की तुलना में बेहतर विकल्प माने जाते हैं क्योंकि ये कानों पर कम दबाव डालते हैं और कम आवाज़ में भी बेहतर ध्वनि प्रदान करते हैं।
सावधानी ही सुरक्षा
- नॉयज़ कैंसिलिंग ईयरफोन का इस्तेमाल करें ताकि आप कम वॉल्यूम में भी स्पष्ट आवाज़ सुन सकें।
- तेज़ आवाज़ वाले वातावरण (जैसे ट्रैफिक, जिम) में भी वॉल्यूम बढ़ाने से बचें।
- अगर कानों में सीटी जैसी आवाज़, भारीपन या दर्द महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।