आत्मानंद स्कूल के प्राचार्य की मनमानी से परेशान,पालक ओर विद्यार्थी…

कोरबा/स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम स्कूल सिंधिया वि.खं.-पोड़ी उपरोड़ा की प्राचार्य पर हिन्दी माध्यम स्कूल के नियम विरूद्ध फीस लेने का गांव के लोगों ने आरोप लगाते हुए सरपंच एवं उपसरपंच से मौखिक रूप से शिकायत कर कलेक्टर और डीईओ से उनकी शिकायत करने की बात कही है पालकों ने शिकायत करते हुए बताया है कि आत्मानंद उत्कृष्ट हिन्दी विद्यालय के प्राचार्या परीक्षा फीस सहित कार्यकलाप, क्रीड़ा शुल्क बालचर निधि हाई स्कूल बच्चों से 410 एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के बच्चे से 445 रुपए शुल्क ले रही है

प्राचार्य का फरमान,शुल्क नहीं तो प्रवेश पत्र नहीं,

कोरबा जिले के वि.ख. पोड़ी उपरोड़ा के सिंधिया शाला में प्राचार्या संगीता साव ने अपने अधीनस्थ शिक्षकों को मौखिक आदेश देकर विद्यार्थियों से अप्राधिकृत तौर पर शुल्क लिया जा रहा है। शुल्क नहीं देने के स्थिति में प्रवेश पत्र नही देने की बात भी सामने आई है।प्राचार्या के इस तरह के फरमान से छात्र छात्राओं के पालकों में काफी आक्रोश है और प्राचार्या को अन्यत्र स्थानांतरण करने जिला कलेक्टर सहित प्रदेश के मुखिया को भी ज्ञापन सौंपने की बात कही है ग्राम पंचायत ग्रामीण का कहना है कि,प्राचार्या संगीता साव के पूर्व सरकार के समय भी शिकायत की गई थी लेकिन कोई कार्यवाही नहीं होने से मनोबल बढ़ा हुआ है।

यहां के लोगों ने बताया कि प्राचार्या महोदया कभी भी समय पर शाला नहीं पहुंचती ,साथ ही छात्राओं को मिलने वाली निःशुल्क सायकल में भी 50 से 100 रुपए किराया के नाम से लिया जाता है।
शुल्क लिए जाने के संबंध में जब हमने शाला पहुंचे तो प्राचार्या शाला में नहीं मिली हालाकि दूरभाष से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि इंग्लिश माध्यम में शुल्क का प्रावधान नहीं है किंतु हिंदी माध्यम में शुल्क लेने का प्रावधान है और बहुत सारे शालाओं में शुल्क लिया जा रहा है जो मौखिक रूप से बताया गया था। सवाल ये उठता है कि अगर हिंदी माध्यम में शुल्क लेने का प्रावधान है तो फिर पूरे प्रदेश के स्कूल में क्यों नहीं, कोरबा जिले के कुछ विशेष शालाओं के लिए आदेश जारी हुआ है या फिर प्राचार्या अपने मनमानी कर रहीं हैं ?

छात्र ने व्हाट्सएप ग्रुप में शेयर कर कलेक्टर और मीडिया से बताने आग्रह किया है


दर असल एक छात्र ने प्राचार्या के मौखिक फरमान को व्हाट्सएप ग्रुप में शेयर कर कलेक्टर और मीडिया से बताने आग्रह किया है की क्या वास्तव में आत्मानंद हिंदी माध्यम शाला के छात्र छात्राओं को शुल्क देना है या नहीं

शिक्षा विभाग द्वारा प्राप्त जानकारी के मुताबिक

फिलहाल अभी ऐसा कोई आदेश नहीं है जिसमे विद्यार्थियों से शुल्क लिया जाए लेकिन अगर प्राचार्या द्वारा शुल्क लिया जा रहा है तो क्यों लिया जा रहा है ये तो वही बता पाएंगी।
अब देखने वाली बात ये होगी की शासन प्रशासन ने इस मामले को कितनी गंभीरता लेती है और क्या कार्यवाही करती है?