शाह ने सभा में नैतिकता का पढ़ाया था पाठ, कुछ घंटे में ही खुल गई धन बल के झूठे नारे की पोल
कोरबा। खुद को गरीब, झुग्गी झोपड़ी वासी और धनबल की टिप्पणी करने वाले, भाजपा प्रत्याशी को पुलिस ने देर रात 1:00 बजे नगद साढ़े 11 लख रुपए के साथ रंगे हाथ पकड़ लिया है।
वैसे तो यह घटना बाली तानाखार के पसान की है। जहां भाजपा प्रत्याशी रामदयाल उनके पकड़े गए हैं। दरअसल भाजपाइयों का असली चरित्र यही है। एक दिन पहले अमित शाह कोरबा में आए और नैतिकता का पाठ पढ़ाया। अब लोगों को यह पता चल गया है कि उस नैतिकता के पीछे का असली ज्ञान क्या है। लखन बात-बात में धन-बल कहते हैं, अब यह बात खुल चुकी है कि धनबल से कौन चुनाव लड़ रहा है इस बात के कलई खुल चुकी है।
रामदयाल की तरह लखन भी घूम-घूम पर पैसे बांट रहे हैं। इनके पास धन बल की कोई कमी नहीं है। रामदयाल और लखन में फर्क सिर्फ इतना है कि रामदयाल धर लिए गए, जबकि लखन लाल अब तक पकड़े नहीं गए हैं। हर वार्ड में लखन घूम-घूम कर अपने पार्षद भाई और कार्यकर्ताओं से पैसे बंटवा रहे हैं। दारू और बकरा भात की पार्टी दी जा रही हैं। लखन दिन में धनबल और जनबल की पीपड़ी बजाते हैं। रात होते ही अपनी काली करतूत से लोकतंत्र को कलंकित करते हैं। ये वही लखनलाल हैं, जो कांग्रेस पर धन बल से चुनाव लड़ने का आरोप लगाते हैं। लेकिन अब इनके मुखौटे के पीछे का असली चेहरा लोगों के सामने आ चुका है। भाजपा प्रत्याशी के पकड़े जाते ही यह प्रमाणित हो चुका है कि भाजपा चुनाव में धनबल का उपयोग कर जनता को प्रलोभन दे रही है।
लखन लाल ने बनाई हैं करोड़ों की बेनामी संपत्ति
दरअसल ये धनबल से चुनाव लड़ रहे हैं और चतुराई से लोगों को बेवकूफ बनाना चाहते हैं। लेकिन अब रामदयाल के पकड़े जाने के बाद लखन का असली चेहरा भी लोगों के सामने आ चुका है, लोग इन्हें चुनाव में जरूर सबक सिखाएंगे। लखन लाल ने भी करोड़ों रुपये की बेनामी संपत्ति बनाई हैं।
गरीब नहीं आलीशान मकान और पेट्रोल पंप के मालिक हैं भाजपा प्रयाशी लखन
कोरबा विधानसभा के भाजपा प्रत्याशी लखन लाल देवांगन सभाओ का आयोजन कर रहे हैं, और कह रहे हैं कि वह गरीब हैं। वह कहते हैं कि भाजपा ने एक गरीब व्यक्ति को टिकट दिया है। अब यह तो एक हादसे की तरह ही होगा यदि कोई लखन लाल देवांगन जैसे व्यक्ति को गरीब समझने की भूल करे।
झूठ बोलकर जनता को गुमराह करने में भाजपाइयों को महारथ हासिल है। लखन लाल देवांगन एक बेहद संपन्न व्यक्ति हैं। उनके परिवार के लोगों के नाम पर करोड़ों के जमीन ज़ायदाद दर्ज है। इनका खुद का घर बेहद आलीशान घर है। इतना ही नहीं वह पेट्रोल पंप का संचालन भी वह करते हैं। स्वयं पेट्रोल पंप के मालिक हैं। अगर ऐसे में भी वह खुद को गरीब कहते हैं, तो आप सोचिए कि जो कोरबा शहर के आसपास झोपड़पट्टी में निवास करते हैं। जिनके घर खपरैल के हैं, और जो दो वक्त की रोटी के लिए मजदूरी करते हैं। आखिर वह लोग कौन हैं? लखन बड़ी चतुराई से खुद को एक गरीब की तरह पेश करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन वह यह भूल रहे हैं की जनता इतनी मूर्ख नहीं है। जितना कि वह समझते हैं। जो उनके झांसे में आ जाए। वह भाजपा के महापौर और विधायक भी रहे हैं। आकूत संपत्ति के मालिक हैं। इसलिए अगर वह ऐसा कहते हैं कि वह गरीब हैं, तो यह सीधे-सीधे एक बड़ा झूठ है। उनके नाम पर फार्म हाउस, कई एकड़ जमीन और ढेर सारी संपात्ति है। जिसका उपयोग वह चुनाव में कर रहे हैं।