मरम्मत से नहीं चलेगा काम बालको प्रबंधन को सड़क का कराना होगा नया निर्माण : राजस्व मंत्री
कोरबा, 08 अक्टूबर । जनहित के मुद्दों की लगातार उपेक्षा कर रहे बालको प्रबंधन को राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने धरना देने की चेतावनी दी थी। मंत्री ने रूमगड़ा-परसाभाठा सड़क निर्माण के लिए अल्टीमेटम दिया था। इसके बाद रविवार को बालको प्रबंधन में सड़क मरम्मत का काम शुरू किया, लेकिन वह सिर्फ सड़क की मरहम पट्टी कर रहे हैं। जबकि यह सड़क पूरी तरह से उखड़ चुकी है। राजस्व मंत्री ने कहा है कि इस तरह के मरम्मत से काम नहीं चलेगा। बालको प्रबंधन को सड़क का नए सिरे से निर्माण करना होगा। जिससे कि आम जनता को कम से कम अच्छी सड़क की सुविधा मिल सके।
बालको प्रबंधनन कोरबा जिले से जमकर मुनाफा कमा रही है। लेकिन जिले को प्रदूषण की आग में झोंक दिया और एक सड़क भी नहीं दे सके। बालको प्रबंधन सिर्फ मरम्मत की औपचारिकता कर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर लेना चाहते हैं। लेकिन यह किसी भी स्तर पर स्वीकार नहीं है। सड़क का नए सिरे से निर्माण करना होगा और इस सड़क को फोरलेन सड़क में परिवर्तित करना होगा। बड़े पैमाने पर जनता यहां से सफर करती है। जल्द ही नए सिरे से सड़क का निर्माण कर इस का चौड़ीकरण नहीं किया गया, तो बालको प्रबंधन के खिलाफ धरना दिया जाएगा।
लगातार अपने दायित्व से भागता रहा है बालको-
बालको के 51 फ़ीसदी शेयर का निजीकरण करने के बाद केवल 49 फीसदी शेयर ही सरकार के पास है। यह एक प्राइवेट सेक्टर की सार्वजनिक उपक्रम है। जिसका यह दातित्व है कि जिले में वह सामाजिक कार्यों को पूर्ण करें और आसपास के लोगों का जीवन स्तर उठाने का काम करें। लेकिन बालको ने सदैव इसके विपरीत ही काम किया है। बालको के अधिकारी विकास कार्य कराने का ढिंढोरा जरूर पीटते हैं। लेकिन वास्तविकता इसके ठीक विपरीत है। बालको ने शहर में जगह-जगह राख फेंक कर प्रदूषण की मात्रा को बढ़ाया, जिससे जिले वासियों को कैंसर, दमा जैसी घातक बीमारियां हो रही है।
लगातार अपने दायित्व से भागता रहा है बालको-
बालको के 51 फ़ीसदी शेयर का निजीकरण करने के बाद केवल 49 फीसदी शेयर ही सरकार के पास है। यह एक प्राइवेट सेक्टर की सार्वजनिक उपक्रम है। जिसका यह दातित्व है कि जिले में वह सामाजिक कार्यों को पूर्ण करें और आसपास के लोगों का जीवन स्तर उठाने का काम करें। लेकिन बालको ने सदैव इसके विपरीत ही काम किया है। बालको के अधिकारी विकास कार्य कराने का ढिंढोरा जरूर पीटते हैं। लेकिन वास्तविकता इसके ठीक विपरीत है। बालको ने शहर में जगह-जगह राख फेंक कर प्रदूषण की मात्रा को बढ़ाया, जिससे जिले वासियों को कैंसर, दमा जैसी घातक बीमारियां हो रही है।
अब बालको प्रबंधन एक सड़क तक नहीं सुधार पा रहा है। मंत्री ने कहा है कि बालको का पहले भी दौरा किया था। उस समय भी बालको को चेतावनी दी थी। बालको ने कभी भी इस तरह के जनहित के मुद्दों को गंभीरता से नहीं लिया। कुछ समय पहले बालको को पत्र लिखकर जनहित के मुद्दों को प्राथमिकता के साथ पूर्ण करने की बात कही थी। लेकिन बालको ने इस दिशा में कोई काम नहीं किया। रविवार को भी सिर्फ मरम्मत का काम शुरू किया गया है जबकि इस सड़क को उखाड़कर नए सिरे से नवनिर्माण करने की जरूरत है।
लंबे समय से सड़क है जर्जर, चेतावनी के बाद शुरू की मरम्मत :
रूमगड़ा से परसाभाठा तक जाने वाली सड़क खास तौर पर शहर के पश्चिम क्षेत्र के निवासियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यहां से क्षेत्र के लोग सफर करते हैं। इस सड़क से बालको के ही भार वाहन आवागमन करते हैं। भारी वाहनों के जरिये राख परिवहन का काम बालको प्रबंधन द्वारा ही ठेकेदारों के माध्यम से कराया जाता है। यह सड़क लंबे समय से जर्जर है। सड़क में इतने बड़े गड्ढे हैं कि लोग यहां से सफर करने से डरते हैं। जब राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने धरना देने की चेतावनी दी, तब अचानक रविवार को तत्काल मरम्मत का काम शुरू कर दिया।
बालको प्रबंधन के अधिकारी कभी भी स्वत: संज्ञान लेकर कोई जनहित का काम नहीं करते। कहने को तो वह विकास कार्य करने का लगातार ढिंढोरा पीटते हैं। लेकिन धरातल पर इसकी वास्तविकता ठीक इसके उलट है। उन्हें बेहतर वातावरण मिले। बालको के इसी गैर जिम्मेदाराना रवैये के कारण राजस्व मंत्री ने इन्हें आड़े हाथ लिया और तत्काल सड़क बनाने को कहा।