जुनवानी से चिखलीटोला तक पक्की सड़क अब 30 किलोमीटर नहीं, 03 किलोमीटर में ही तय हो सकेगा सफर

The paved road from Junwani to Chikhlitola is now not 30 km, the journey can be completed in just 03 km

बालोद, 09 जून 2025 .बालोद जिले के वनांचल क्षेत्र डौण्डी में ग्राम जुनवानी से चिखलीटोला तक का सफर लंबे समय से ग्रामीणों के लिए एक चुनौती रहा है। कच्ची और पथरीली सड़कें, जो एक पहाड़ी रास्ते से होकर गुजरती हैं, ने कई दशकों से यहां के लोगों को मुश्किलों से जूझने को मजबूर किया। लगभग तीन किलोमीटर की भौगोलिक दूरी को पार करने के लिए ग्रामीणों को 30 किलोमीटर का लंबा चक्कर लगाना पड़ता था, जिसमें समय, मेहनत और संसाधनों की भारी बर्बादी होती थी। लेकिन अब यह दशकों पुराना इंतजार खत्म होने जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के सुशासन तिहार के दौरान इस पक्की सड़क की स्वीकृति ने न केवल ग्रामीणों की उम्मीदों को नई उड़ान दी है, बल्कि क्षेत्र के विकास की एक नई गाथा लिखने की नींव रखी है।

एक समय था जब ग्रामीणों ने अपनी एकता और मेहनत की मिसाल पेश करते हुए इस कच्चे मार्ग को श्रमदान से बनाया था। यह रास्ता उनके संकल्प का प्रतीक था, जिसे वे चलने लायक बनाने में सफल रहे, लेकिन पक्की सड़क की कमी ने इसे वाहन योग्य बनाने में बाधा डाली। ग्रामीणों के इस प्रयास को सम्मान देते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने सुशासन तिहार के दौरान ग्राम जुनवानी से चिखली तक सड़क निर्माण के लिए 11 करोड़ 47 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की। यह कदम केवल एक सड़क निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ग्रामीणों के श्रम, उनके सपनों और उनके संघर्ष को साकार करने का प्रतीक है।


यह पक्की सड़क मात्र एक बुनियादी ढांचा परियोजना नहीं, बल्कि क्षेत्रवासियों के जीवन को आसान बनाने का माध्यम है। अब तीन किलोमीटर की दूरी को तय करने में लगने वाला समय और पैसा दोनों बचेंगे। ग्रामीणों को बाजार तक आसानी से पहुँच मिलेगी, किसानों के लिए उनके खेतों का रास्ता सुगम होगा, और हर राहगीर को नई उम्मीद का आधार मिलेगा। ग्रामीण श्री सालिक राम कोलियारा की बात याद करें, जिन्होंने बताया कि पहले यह रास्ता पगडंडी की तरह था, जहां सामान का बोझा ढोकर पैदल चलना पड़ता था। उनके दादा-पिता का सपना, जो अधूरा रह गया था, अब मुख्यमंत्री के इस फैसले से साकार होने जा रहा है। इस सकारात्मक बदलाव ने ग्रामीणों के चेहरों पर खुशी ला दी है। क्षेत्र के पूर्व जनपद पंचायत सदस्य संजय बैस ने इसे क्षेत्रवासियों की बहुप्रतीक्षित मांग बताया, जो अब पूरी होने जा रही है। उन्होंने कहा कि इस सड़क से क्षेत्र का विकास तेजी से होगा, और मुख्यमंत्री के इस कदम ने उनकी उम्मीदों को बल दिया है।

इसी तरह, ग्रामीण हरिश्चंद्र नायक ने बताया कि श्रमदान से बनाए गए इस रास्ते को वाहन योग्य बनाने की उनकी लंबी मांग अब पूरी होने जा रही है। 30 किलोमीटर की दूरी को अब मात्र तीन किलोमीटर में तय करना संभव होगा, जो उनके दैनिक जीवन को क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। यह सड़क केवल दो गांवों को जोड़ने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह क्षेत्र के समग्र विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे शिक्षा, स्वास्थ्य, और व्यापार जैसी सुविधाओं तक पहुंच बढ़ेगी। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के प्रति हृदय से आभार व्यक्त किया है, जो उनके श्रम और संकल्प को सम्मान देकर उनके सपनों को हकीकत में बदल रहे हैं।

सुशासन तिहार के इस फैसले ने यह साबित कर दिया कि सरकार जनता की आवाज सुनती है और उनके विकास के लिए प्रतिबद्ध है। जुनवानी से चिखलीटोला तक की यह पक्की सड़क नई उम्मीदों का प्रतीक है। यह केवल एक भौतिक मार्ग नहीं, बल्कि ग्रामीणों के आत्मविश्वास और सरकार के सहयोग का संगम है। आने वाले दिनों में यह सड़क क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी। यह सुशासन की जीती-जागती मिसाल है, जो यह संदेश देती है कि सरकार और समाज के संयुक्त प्रयास से कोई भी सपना असंभव नहीं है। बालोद जिले के इस वनांचल क्षेत्र के लिए यह सड़क न केवल एक राह है, बल्कि उज्जवल भविष्य की ओर बढ़ने का मार्ग है।