कोरबा के हृदय स्थल मेन रोड में स्थित श्री सप्तदेव मंदिर कोरबा का एक प्रसिद्व मंदिर है जहॉ मॉ श्री राणीसती दादी, श्री खाटू श्यामजी, श्री लक्ष्मी नारायण, श्री शंकर पार्वती, श्री राधा कृष्ण, श्री राम जानकी, श्री हनुमान जी, श्री दुर्गा जी के साथ साथ चारों धाम, द्वादश ज्योर्तिलिंग एवं श्री श्वि पंचायतन के दर्शन होते है एवं इस मंदिर की विशेषता है कि यहॉ सभी की मनोकामना पूर्ण होती है।
इस मंदिर मे देश के प्रसिद्व साधु संतो, शंकराचार्यों एवं राजनेताओ का आगमन हो चुका है एवं सभी ने मॉ श्री राणी सती दादी एवं मंदिर में विराजित अन्य देवी देवताओं के दर्शन कर उनकाआर्शीवाद प्राप्त किया है।कोरबा के ही पूर्व एवं वर्तमान राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, लखनलाल देवांगन के यह कथन है कि वे आज जो कुछ भी है मॉ श्री राणी सतीदादी की कृपा से है एवं वे इस मंदिर मे तब से भगवान के दर्शनों के लिये आ रहे है जब वो कुछ भी नही थे एैसी अलौकिक शक्ति है इस मंदिर की।
श्री सप्तदेव मंदिर मे सभी उत्सवों को धूमधाम से मनाने की परम्परा काफी पुरानी रही है। इस मंदिर में 5 प्रमुख उत्सवों श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव, श्री भादी अमावस्या उत्सव, मंगसिर नवमी उत्सव एवं श्री खाटू श्याम जी का कार्तिक एवं फाल्गुन महोत्सव बहुत ही उमंग एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
विदित हो श्री सप्तदेव मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर मंदिर परिसर में बडे बडे पंडाल लगाकर भगवान श्रीकृष्ण के विभिन्न लीलाओं पर आधारित झांकियॉ बनाई जाती है जैस ेश्रीकृष्ण जी का कारावास में जन्म, श्री वासुदेव जी द्वारा कृष्ण जी को नदी पार कराना, श्रीकृष्ण द्वारा वकासुर का वध, श्रीकृष्ण जी द्वारा कालियॉ नाग का वध, श्रीकृष्ण जी द्वारा पर्वत को अपनी ऊगंली पर उठाना, रामसेतु का पानी मे तैरने वाला वास्तविक पत्थर, बर्फानी बाबा अमरनाथ की झांकी इत्यादि किन्तु इस वर्ष का मुख्य आकर्षण अयोध्या में विराजित रामलला की मूर्ति, अयोध्या का मंदिर, काशी विश्वनाथ का मंदिर एवं सेल्फी पाइंट था जिसे देखने के लिये कोरबा जिले के दूरदराज से भक्तगण मंदिर पधारे।
इस अवसर पर मंदिर में अपार भीड होती है इस हेतु पुरूष एवं महिलाओं को असुविधा से बचने के लिये बेरीकेट्स का प्रबंध किया जाता है एवं इन बेरीकेट्स के माध्यम से स्त्री एवं पुरूष अलग अलग क्रमबद्ध होकर मंदिर के भीतर प्रवेश कर भगवान के दर्शन करते है ताकि उन्हे किसी प्रकार की कोई असुविधा ना होने पाये।
मंदिर परिसर में ही आदर्श सेवा केन्द्र में स्वामी श्री रामदेव जी महाराज, पूज्य आसाराम बापू के आश्रम में निर्मित पूजन सामाग्री एवं श्री गीता प्रेस गोरखपुर की साहित्यों, श्री राणी सतीदादी जी की मंगलपाठ की पुस्तके एव ंश्री श्याम बाबा की पूजन सामाग्रियॉ उपलब्ध कराई जाती है। इस अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताएॅ भी आयोजित की जाती है
इस वर्ष दिनॉक 25.08.2024 को किये गये’’ लडड ूगोपाल सजाओ प्रतियोगिता ’’में प्रथम स्थान ऋ़चा अग्रवाल पति आशीष अग्रवाल द्वितीय स्ािान ऑचल केडिया पति अमन केडिया, तृतीय स्ािान किरण अग्रवाल पति बजरंग अग्रवाल एवं ज्योति मोदी पति एस.एन मोदी ने प्राप्त किया शेष प्रतिभागियों को सांत्वना पुरस्कार दिया गया।
मंदिर में जन्माष्टमी के दिन दोपहर 3.00 बजे से 5.00 बजे तक’’ श्री कृष्ण बनो प्रतियोगिता ’’ का आयोजन किया गया इसमें 0-2, 2-5 वर्ष की एवं 5-10 वर्ष की आयू के बच्चों के लिये 3 चरणों में प्रतियोगिता रखी गई एवं प्रत्येक चरणों में प्रथम, द्वितीय, तृतीय पुरस्कार से प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया एवं अन्य सभी को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किये गये।
इस दिन रात्रि 8.00 बजे से 11.00 बजे तक भजन संध्या कार्यक्रम के अर्न्तगत श्री श्याम भजनों की मनमोहक भजन की प्रस्तुति पंकजा एवं प्रज्ञा दीदी पोढ़ी के द्वारा की गई जिसे सुनने दूर दूर से भक्तगण मंदिर पधारें तत्पश्चात रात्रि 12.00 बजे भगवान श्रीकृष्ण जी का मंदिर में बैंड बाजे के साथ जन्मोत्सव एवं नंदोत्सव मनाया गया तथा भगवान के जन्म की खुशी में रात्रि 11.30 बजे से भव्य आतिशबाजियॉ की गयी, शंखनाद किया गया, बधाईयॉ दी गयी, भगवान का जयकारा किया गया एवं माखन मिश्री का प्रसाद वितरित किया गया।
इसी प्रकार श्री सप्तदेव मंदिर में मॉ श्री राणीसती दादी का भादी अमावस्या उत्सव को धूमधाम से मनाने की परम्परा है। इस वर्ष दिनॉक 03.09.2024 दिन मंगलवार को भादी अमावस्या उत्सव था इस दिन प्रातः मंदिर में भगवान की पूजन आरती एवं जात, पूजन, धोक इत्यादि का कार्य किया गया तत्पश्चात श्री सप्तदेव महिला मंडल द्वारा भजन कीर्तन किया गया। मंदिर में दोपहर 3.00 बजे से रात्रि 8.00 बजे तक लगभग 301 से अधिक पंजीकृत एवं अपंजीकृत महिलाओं द्वारा श्री राणीसती दादी चरित्र मानस का भव्य मंगलपाठ किया गया। इस मंगलपाठ हेतु कोलकोता से ’’ श्रीविजय गर्ग एंड़ पार्टी’’ एवं उनके सहयोगी कलाकारो के द्वारा की गई प्रस्तुति से मंदिर में उपस्थित हजारों भक्तगण झूम उठे।
इस वर्ष भी श्री भादी अमावस्या के अवसर पर वर्ष भर जिन जिन महिलाओं एवं बालिकाओं ने सर्वाधिक मंगल पाठ किया है उन्हे श्री सप्तदेव मंदिर परिवार द्वारा सम्मानित एवं पुरस्कृत किया गया तथा उन्हे प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया इस वर्ष प्रथम पुरस्कार 16 द्वितीय पुरस्कार 12 एवं तृतीय पुरस्कार 4. कुल 32 लोगों को प्रदान किया गया।
विदित हो कि श्री भादी अमावस्या उत्सव के पूर्व संध्या अर्थात 02 सितम्बर 2024 सोमवार को सायं 6.00 बजे से रात्रि 10.00 बजे तक’’ श्री श्याम जी की अमरकथा ’’ का मंचन नृत्य नाटिका के साथ किया गया इस हेतु कोलकाता से श्री विजय गर्ग एंड पार्टी के कलाकारों के द्वारा कथा को इतने मार्मिक एवं सुंदर ढंग से दिखाया गया कि लोग अपने स्थान से इंच भर भी नही हिल सकें समस्त भक्तगण कथा में इतने लीन हो गये मानो कथा उनके आंखों के समक्ष ही चल रही हो, कथा सुनकर सब भाव विभोर हो गये।
इसी प्रकार दिनॉक 1 सितम्बर को मंदिर में सायं 4.00 बजंे से 6.00 बजंे तक दादी जी की पगधोई, मेंहदी उत्सव, ज्वारा उत्सव मंदिर में मनाया गया जिसमें सैंकडों भक्त महिलाएॅ अपने डेªस कोड हरे रंग के परिधान में उपस्थित होकर इस उत्सव को धूमधाम से मनाया।
श्री सप्तदेव मंदिर के प्रमुख ट्रस्टी अशोक मोदी जी ने बताया कि इन 9 दिनों तक चलें इस उत्सव को सभी ने जिस प्रकार अनुशासित ढंग एवं एकात्मभाव के साथ मनाया उसकी जितनी भी प्रशंसा की जावे कम है, उन्होने समस्त भक्तगणों के साथ साथ नगर पालिक निगम, पुलिस प्रशासन, प्रशासनिक विभाग के साथ साथ समस्त समाजों एवं इन उत्सवों में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष सहयोग करने वाले सभी लोगों का हृदय से आभार व्यक्त किया।