जम्मू-कश्मीर में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने आतंकवादियों और उनके मददगारों के खिलाफ बदले की शुरुआत हो गयी है। सेना ने जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी फारूक अहमद के घर को विस्फोट कर जमींदोज कर दिया। बताया जा रहा है कि फारूक अहमद इस समय पाकिस्तान में छिपा हुआ है और वहीं से भारत के खिलाफ आतंकी साजिशों को अंजाम दे रहा है।
यह कार्रवाई पहलगाम हमले के बाद सेना द्वारा की गई छठी बड़ी कार्रवाई है। फारूक अहमद के अलावा अब तक पांच अन्य आतंकवादियों और उनके सहयोगियों के घरों को भी ध्वस्त किया जा चुका है। इनमें अनंतनाग जिले के थोकरपुरा निवासी आदिल अहमद थोकर, पुलवामा के मुर्रन गांव के एहसान उल हक शेख, त्राल के आसिफ अहमद शेख, सोपोर के चोटीपुरा निवासी शाहिद अहमद कुट्टे और कुलगाम के माटलहामा गांव के जाहिद अहमद गनी के घर शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहलगाम हमले के बाद स्पष्ट संदेश दिया था कि इस हमले में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल किसी भी आतंकी या उनके समर्थकों को बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें मिट्टी में मिला दिया जाएगा। सेना ने आतंकवादियों के बुनियादी ढांचे और नेटवर्क को पूरी तरह नष्ट करने का लक्ष्य रखा गया है।
सुरक्षा बलों ने हाल ही में दो अन्य संदिग्ध आतंकियों के खिलाफ भी कार्रवाई की थी। शुक्रवार को पहलगाम हमले में शामिल माने जा रहे आतंकी आदिल हुसैन के घर को विस्फोट कर उड़ा दिया गया, जबकि त्राल निवासी आतंकी आसिफ शेख के घर पर बुलडोजर चलाया गया।
सेना और सुरक्षा एजेंसियों ने स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद और उसके समर्थकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई जारी रहेगी। स्थानीय लोगों से शांति बनाए रखने और सुरक्षा बलों को सहयोग देने की अपील भी की गई है ताकि क्षेत्र में स्थायी शांति बहाल की जा सके।
अब तक की गई कार्रवाइयों से यह स्पष्ट संदेश गया है कि देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वालों को अब किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। सेना का यह सख्त रुख आतंकियों और उनके मददगारों के लिए एक बड़ी चेतावनी साबित हो रहा है।