धान विक्रय के 72 घण्टे के अंदर राशि खाते में आ जाने से किसानों की खुशी हो रही दुगुनी

The happiness of the farmers is doubling as the money is reaching their account within 72 hours of paddy sale

3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी होने से किसानों को मिल रहा आर्थिक संबल : किसान अभय राम भारिया

कोरबा 27 नवम्बर 2024/ राज्य शासन किसानों की परिश्रम का फल को समर्थन मूल्य पर खरीद कर उन्हें आर्थिक संबल प्रदान कर रहे है। अन्नदाता भी अपनी उपज का सही दाम पाकर खुशी खुशी धान विक्रय के लिए उपार्जन केंद्र पहुँच रहे है। बड़े ही सरल सहज एवं पारदर्शी तरीके से धान विक्रय हो जाने से किसानो में हर्ष व्याप्त है, साथ ही धान विक्रय के 72 घण्टे के भीतर राशि खाते में आ जाने से किसानों की खुशी दुगुनी हो रही है। छुरीकला उपार्जन केंद्र में अपने 44.80 क्विन्टल धान विक्रय के लिए आए पंडरीपानी के किसान श्री अभय राम भारिया ने बताया की केंद्र में उन्हें धान बेचने में किसी प्रकार की परेशानी नहीं हुई। बहुत ही आसानी से धान विक्रय हो गया। किसान ने बताया उनके 03 एकड़ की जमीन में खरीफ में धान की फसल ली जाती है। उन्होंने बताया कि किसान 06 माह फसलों की पूरी देख भाल करता है, खेतों की जुताई से लेकर उन्नत किस्म के बीजों का चयन कर उनका खेतों में रोपण करता है। पौधों के बढ़ने के साथ ही फसल की पूरी देखरेख, आवश्यकतानुसार दवाइयों-उर्वरकों का छिड़काव, खरपतवार की छटाई व समय-समय पर सिंचाई की जाती है। फसल के अच्छे उत्पादन के लिए किसान अपना खून-पसीना एक कर देता है, जिससे उसके खेत में फसल लहलहाती है। उन्होंने बताया कि उन्हें केंद्र में अपनी मेहनत की उपज बेचने में किसी प्रकार की कोई समस्या नही हुई। उपार्जन केंद्र में धान लाते ही आसानी से तौलाई हो गई। किसान अभयराम ने बताया कि टोकन तुंहर हाथ ऐप के माध्यम से किसानों को समितियों के चक्कर लगाने से फुर्सत मिली है। अब किसान घर बैठे मोबाइल से ही ऑनलाइन टोकन प्राप्त कर रहे है। खरीदी केंद्रों में किसानों की सहूलियत की पूरी व्यवस्था की गई है। 21 क्विन्टल प्रति एकड़ व 3100 रुपए प्रति क्विन्टल की दर से धान खरीदी होने से किसानों को उनकी मेहनत का सही मूल्य मिल रहा है। साथ ही 72 घण्टे के भीतर राशि किसान के खाते में आ जाने से किसानों की खुशी और बढ़ गई है। जिससे किसानों को संकटपूर्ण समय में वित्तीय सहायता मिलती है और उन्हें अपना उत्पादन बढ़ाने का प्रोत्साहन मिलता है।

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