प्रदेश की नई औद्योगिक नीति का पहला ड्राफ्ट 31 जुलाई तक होगा तैयार

The first draft of the new industrial policy of the state will be ready by July 31

अब तक 20 से अधिक उद्योग संगठनों से मिल चुके सुझाव, कई प्रदेशों की उद्योग नीति पर की जा रही स्टडी

0 उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन ने नई उद्योग नीति के लिए मेल आईडी पर सुझाव किए आमंत्रित

रायपुर, 14 जुलाई 2024। उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन ने प्रदेश की नवीन औद्योगिक नीति 2024–29 के पहले ड्राफ्ट को 31 जुलाई तक जारी करने के निर्देश विभाग के नई औद्योगिक नीति के लिए उद्योग विभाग द्वारा लगातार अलग–अलग उद्योग संगठनों से विचार विमर्श कर उनके अमूल्य सुझाव लिए जा रहे हैं, अब तक प्रदेश के 20 अलग–अलग उद्योग संघों से सुझाव लिए जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त गुजरात, महाराष्ट्र, ओडिसा, मध्यप्रदेश समेत अन्य प्रदेशों के उद्योग नीति पर स्टडी भी विभाग द्वारा की जा रही है।राष्ट्रीय, अंतराष्ट्रीय निवेशकों और उद्योगपतियों को छत्तीसगढ़ में निवेश प्रोत्साहन बढ़ाने की दिशा में जोर दिया जा रहा है। उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन ने अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं की नई औद्योगिक नीति में हर सेक्टर पर फोकस होना चाहिए। नए सेक्टर जैसे फार्मास्युटिकल, एग्रीकल्चर, टेक्सटाइल समेत अन्य सेक्टरों के उद्योग ज्यादा से ज्यादा लगें, ताकि रोजगार भी अधिक लोगों को मिले और प्रदेश में निवेश भी बढ़े। इन सेक्टरों के उद्योग लगने से प्रदूषण के बढ़ने की संभावना भी कम रहेगी।

0नई औद्योगिक नीति के लिए इस मेल आईडी पर भेज सकते हैं सुझावउद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन ने बताया की नई औद्योगिक नीति 2024–29 के लिए मेल आईडी suggestions. [email protected] पर या फिर सीधे विभाग में अपने अमूल्य सुझाव दे सकते हैं।

0उद्योग मंत्री स्वयं जाएंगे अन्य राज्य, उद्योग प्रतिनिधियों से लेंगे सुझाव

नई नीति के लिए उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन स्वयं अन्य राज्यों का दौरा कर वहां के उद्योग प्रतिनिधियों से मुलाकात कर सुझाव लेंगे। ताकि उन राज्यों के उद्योग नीति के अच्छे और प्रोत्साहन परक अनुदान मांगों पर अध्ययन परीक्षण किया जा सके। अभी हाल ही में मंत्री देवांगन ने नई दिल्ली में आईसीसी के प्रतिनिधियों से नई नीति हेतु विचार विमर्श किया था।

0सभी मंत्रीगण और विभागों से भी लिए जाएंगे राय

नई औद्योगिक नीति के लिए सभी विभागों और मंत्री गणों से विमर्श के पश्चात ही आगे 5 वर्षों के लिए नीति बनाई जाएगी। ताकि नीति में सभी विभागों का समावेश हो और हर सेक्टर में उद्योग लग सके।