बिलासपुर। आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों के लिए स्वयं का आवास एक सपने से कम नहीं होता है। सुदूर वनांचलो में रहने वाले बैगा और बिरहोर आदिवासियों के लिए भी पहले खुद का पक्का मकान एक सपने जैसा था, लेकिन पीएम जनमन योजना से उनके लिए विकास के रास्ते खुल गए। पक्के मकान सहित बिजली, पानी, सड़क , स्वास्थ्य जैसी अन्य सुविधाएं इस योजना के तहत विशेष पिछड़ी जनजाति के लोगों को उपलब्ध कराई जा रही है। कोटा ब्लॉक के उमरिया दादर में रहने वाले सुंदर सिंह बिरहोर के लिए भी यह योजना वरदान साबित हुई है। उन्हें अब कच्चे मकान के डह जाने और बरसात की सीलन भरी दीवारों से छुटकारा मिल चुका है।
सुंदर सिंह बिरहोर ने बताया कि प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत आवास निर्माण के लिए 2 लाख रुपए की राशि चार किश्तों में मिली। पहली किश्त आवास शुरू करने के लिए 40 हजार रुपए, दूसरी किश्त लेंटर स्तर पर होने पर 60हजार रुपए, तीसरी किश्त रूफ टॉप के निर्माण पर 80 हजार रुपए और आवास पूरा होने पर 20 हजार रुपए दिए गए। इसके अलावा मनरेगा से 90 दिन का रोजगार भी मिला। उन्होंने बताया कि काफी वर्षों तक उन्हें कच्चे मकान में रहना पड़ता था, छत टपकती थी जिससे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। बारिश में सीलन की वजह से कई बीमारियों की भी आशंका बनी रहती थी। लेकिन अब उन्हें इन सारी चिंताओं से मुक्ति मिल गई है। वे इस योजना के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का धन्यवाद करते हुए कहते हैं कि उनके जैसे हजारों लोगों के लिए योजना वरदान साबित हुई है।