अतिशेष प्रधान पाठकों और सहायक शिक्षकों की काउंसिलिंग प्रक्रिया हुई पूरी..300 अतिशेष का किया गया समायोजन

The counseling process of surplus head teachers and assistant teachers has been completed. 300 surplus teachers have been adjusted.

0.15 प्रधानपाठक में 14 और 287 सहायक शिक्षक में से 266 हुए शामिल,02 दिव्यांग को रखा गया यथावत

कोरबा,01 जून 2025। राज्य शासन के दिशा निर्देशानुसार कलेक्टर अजीत वसंत और शिक्षा संभाग बिलासपुर के संयुक्त संचालक की उपस्थिति में कोरबा जिले के 15 अतिशेष प्रधान पाठकों और 287 सहायक शिक्षकों की काउंसिलिंग की प्रक्रिया राजीव गांधी आडिटोरियम टांसपोर्ट नगर में पूरी कर ली गई। कुल 302 अतिशेष में से दो शिक्षक के दिव्यांग होने पर उन्हें यथावत रखा गया है। शेष 300 अतिशेष का पदस्थापना शिक्षकविहीन तथा एकल शिक्षकीय प्राथमिक शाला में कर दी गई है।


प्राथमिक शाला के अतिशेष शिक्षकों (प्रधान पाठक/सहायक शिक्षक) की कांउसलिंग प्रक्रिया में सर्वप्रथम वरिष्ठता के आधार पर अतिशेष प्रधानपाठकों की काउंसलिंग की गई। प्रक्रिया में प्रधानपाठकों द्वारा रिक्त स्थानों में से अपने पसंद के विद्यालयों का चयन किया। 15 अतिशेष प्रधानपाठको में से काउसिलिंग में शामिल 4 प्रधानपाठकों ने विद्यालय चयन में असहमति और एक अनुपस्थित थे। 287 अतिशेष सहायक शिक्षकों की काउंसिलिंग प्रक्रिया में सम्मिलित होकर सहायक शिक्षकों ने भी निर्धारित सूची में से पसंद के विद्यालयों का चयन किया। काउसिलिंग में शामिल 20 सहायक शिक्षकों ने विद्यालय चयन में असहमति और 21 सहायक शिक्षक अनुपस्थित थे। दो शिक्षक को दिव्यांग वर्ग में होने की वजह से यथावत रखा गया। कुल 300 प्रधान पाठक और सहायक शिक्षकों की काउंसिलिंग प्रक्रिया देर शाम तक पूरी कर ली गई। सभी को पदस्थापना आदेश भी मौके पर दे दिया गया। इस दौरान जिला पंचायत सीईओ दिनेश नाग, अपर कलेक्टर मनोज कुमार बंजारे, जिला शिक्षा अधिकारी टी पी उपाध्याय, एसडीएम सरोज महिलांगे,डीएमसी मनोज पाण्डेय सहित सभी बीईओ उपस्थित थे।

शैक्षणिक माहौल और बेहतर होगाःकलेक्टर

कलेक्टर अजीत वसन्त ने बताया कि शासन के निर्देशों तहत के प्रथम चरण में 15 अतिशेष प्रधान पाठकों और 287 सहायक शिक्षकों की काउंसिलिंग की प्रकिया पूरी पारदर्शिता के साथ अपनाई गई। उन्होंने कहा है कि 300 एकल शिक्षकीय और शिक्षकविहीन विद्यालयों में अतिशेष शिक्षकों का समायोजन होने से दूरस्थ क्षेत्रों के विद्यार्थियों को नियमित शिक्षक उपलब्ध होगी और विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी।