नियम विरूद्ध पदोन्नति को कलेक्टर ने किया निरस्त, महिला एवं बाल विकास विभाग को नये सिरे से पदोन्नति के दिए निर्देश

The collector cancelled the promotion against the rules and directed the women and child development department to make fresh promotions

कोरबा 08 अप्रेल I कलेक्टर अजीत वसंत ने एकीकृत, बाल विकास परियोजना पाली अन्तर्गत ग्राम भरूहामुड़ा के आंगनबाड़ी केन्द्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर की गई पदोन्नति को नियम विरूद्ध पाये जाने पर निरस्त कर पुनः नये सिरे से पदोन्नति के निर्देश दिए हैं।


महिला एवं बाल विकास विभाग अन्तर्गत आंगनबाड़ी केन्द्र ग्राम भरूह़ामुड़ा ग्राम पंचायत चैतमा तहसील पाली अन्तर्गत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के रिक्त पदों में पदोन्नति उपरांत उसी ग्राम के आंगनबाड़ी सहायिका अथवा मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की पदोन्नति की जानी थी। विभाग द्वारा परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास परियोजना पाली द्वारा रिक्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पदों पर पदोन्नति हेतु पांच वर्ष सेवा पूर्ण कर चुकी सहायिका एवं मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की जानकारी मंगाई गई थी। इस दौरान मूल्यांकन समिति के द्वारा योग्यता सूची तैयार कर अनुमोदन पश्चात प्रथम क्रम में आवेदिका उमा सिंह/ चूड़ामणी सिंह का पदोन्नति कर लिया गया। इस संबंध में आवेदक श्री मदन गोपाल एवं ग्रामवासी भरूह़ामुड़ा ग्राम पंचायत चैतमा तहसील पाली द्वारा शिकायत कलेक्टर अजीत वसंत से की गई थी। कलेक्टर द्वारा इस प्रकरण को संज्ञान में लेकर कलेक्टर न्यायालय में प्रकरण दर्ज करते हुए संपूर्ण मामले की सुनवाई की गई।


प्रकरण में आवेदक द्वारा संलग्न दस्तावेज एवं परियोजना अधिकारी, एकीकृत बाल विकास परियोजना पाली द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन एवं शासन के निर्देश का अवलोकन किया गया। जिसमें स्पष्ट हुआ कि आंगनबाड़ी सहायिका/मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का उसी ग्राम का निवासी होना अनिवार्य है, न कि ग्राम पंचायत के किसी भी ग्राम का। प्रस्तुत प्रकरण में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संलग्न दस्तावेजों से यह स्पष्ट हुआ कि पदोन्नति का आधार ग्राम पंचायत माना गया है, जोकि शासन के जारी निर्देशों के विरूद्ध है। कलेक्टर श्री वसंत ने कार्यालय परियोजना अधिकारी, एकीकृत बाल विकास परियोजना पाली, के आदेश क्रमांक 1108/नियु/बा.वि.परि./2023-24 पाली दिनांक 20.02.2024 के पदोन्नति आदेश को निरस्त कर शासन के निर्देशों का पालन करते हुए पुनः पदोन्नति की प्रक्रिया पूर्ण करने के निर्देश दिए।