हवाई यात्रा कर रायपुर पहुंचे बीजापुर के मेधावी बच्चे, मुख्यमंत्री बोले क्या बनना चाहते हो

The brilliant children of Bijapur reached Raipur by air travel, the Chief Minister asked what do you want to become

रायपुर, 15 अगस्त 2024। राजधानी रायपुर के अध्ययन भ्रमण पर पहली बार हवाई यात्रा कर रायपुर आए बीजापुर के मेधावी छात्र-छात्राओं में अपने सपनों को पूरा करने के लिए आसमान छूने का हौसला है। ये बच्चे आईएएस, आईपीएस, डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक बनना चाहते हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर बीजापुर के नवमी, दसवीं एवं ग्यारहवीं कक्षा के सौ छात्र-छात्राएं फ्लाईट से यात्रा कर पहली बार रायपुर आए हैं। इन छात्रों ने जगदलपुर से रायपुर तक हवाई जहाज में यात्रा की। आज स्वतंत्रता दिवस पर छू लो आसमां एजुकेशन सिटी बीजापुर में पढ़ाई कर रहे इन छात्र-छात्राओं ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से उनके निवास पर मुलाकात कर अपने अनुभव साझा किए।

कक्षा 11वीं की छात्रा डिम्पल ठाकुर ने मुख्यमंत्री को बताया कि पहली बार हवाई जहाज में चढ़ने का अनुभव बहुत रोमांचक रहा। पहले रायपुर आने का सोचा था, लेकिन पढ़ाई-लिखाई में मेहनत कर हवाई जहाज में इस तरह आउंगी नहीं सोचा था। डिम्पल ने कहा कि हम अपने सपनों को आसमान की ऊंचाईयों पर ले जाएंगे और मेहनत कर उनको पूरा करेंगे। मुख्यमंत्री श्री साय ने बच्चों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आप जीवन में खूब ऊंचाईयों को प्राप्त करें और लक्ष्य प्राप्त करने में सफल हो। रायपुर भ्रमण के दौरान इन बच्चों ने मुक्तांगन, जंगल सफारी, राम मंदिर का भ्रमण किया और रायपुर के पुलिस परेड ग्राउंड में आयोजित स्वतंत्रता दिवस के राज्य स्तरीय समारोह में शामिल हुए।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि आप सभी को मेहनत और लगन के साथ पढ़ाई करना है। मुख्यमंत्री के पूछे जाने पर बच्चों ने बताया कि वे आईएएस, आईपीएस, डॉक्टर, इंजीनियर और बिजनेसमैन बनना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने बच्चों को नई शिक्षा नीति 2020 के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस नीति में शिक्षा के साथ रोजगार को भी जोड़ा है। आप लोगों को व्यवसाय के साथ खेती-बाड़ी, पशुपालन जैसे क्षेत्रों में भी आगे बढ़ना चाहिए। मेरी जानकारी में ऐसे कुछ पढ़े लिखे आईएएस हैं, जो आज खेती-बाड़ी भी कर रहे हैं। होर्टिकल्चर, फ्लोरीकल्चर में अच्छी आमदनी के साथ सम्मान भी है। कुछ बच्चों ने कहा कि वे शिक्षक बनना चाहते हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षक सबसे बड़े राष्ट्र निर्माता होते हैं, जो आईएएस, आईपीएस बनाते हैं। मुख्यमंत्री श्री साय ने बच्चों से कहा कि आप सभी सपने देखें, खूब मेहनत करिये और सफलता की ओर आगे बढ़ते हुए माता-पिता के अरमानों को पूरा कीजिए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने बच्चों से गोंड़ी भाषा के शब्द ‘‘नियद नेल्लानार‘‘ शब्द का अर्थ पूछा जिसपर एक छात्रा ने बताया ‘‘तुम्हारा प्यारा गांव‘‘। मुख्यमंत्री ने बताया कि बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा, कांकेर जैसे दूरस्थ क्षेत्रों को विकास के मुख्य धारा से जोड़ने के लिए हमने नियद नेल्लानार योजना शुरू की है। जिसके अंतर्गत 17 विभागों के अंतर्गत 58 व्यक्तिमूलक और 28 सार्वजनिक योजनाओं को शामिल किया गया है, जिसमें सुरक्षा कैम्पों की परिधि के पांच किलोमीटर के गांवों में लोगों को सड़क, बिजली, पानी, राशनकार्ड, आयुष्मान कार्ड, आधार कार्ड जैसी मूलभूत सुविधाएं लोगों को मुहैया कराई जा रही हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि माओवाद आतंक से प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा कैम्प स्थापित कर रहे हैं। अब तक 32 कैम्प की स्थापना की गई है। जिसके अंतर्गत 91 गांव शामिल हैं और 29 नये कैम्पों की स्थापना की जा रही है। बस्तर अंचल पर्यटकों के लिए स्वर्ग के समान है। यहां सुन्दर वन हैं, चित्रकोट, तीरथगढ़, कुटुम्बसर गुफा और बारसूर गणेश जैसे मनोरम पर्यटन स्थल हैं। यहां पर्यटन के क्षेत्र में अपार सम्भावनाएं हैं। आप सभी की जिम्मेदारी है कि आप अच्छे से पढ़ाई करें और छत्तीसगढ़ का नाम रौशन करें। मुख्यमंत्री श्री साय ने इन छात्र-छात्राओं को उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि हमारी बेटियां अब सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ रही हैं। शैक्षणिक क्षेत्र में टॉप 10 में ज्यादातर लड़कियां ही दिखाई पड़ती है।

मुख्यमंत्री ने छात्रावास में रहने वाले बच्चों से छात्रावास के भवन, भोजन व्यवस्था, साफ-सफाई की जानकारी ली। बच्चों ने बताया कि सभी व्यवस्थाएं अच्छी हैं। मुख्यमंत्री ने बच्चों को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन की जानकारी देते हुए अपने आसपास स्वच्छ वातावरण रखने की समझाईश दी। सेजेस के कक्षा 11वीं के छात्र अखिलेश मिश्रा ने मुख्यमंत्री को उनके स्कूल आने का आमंत्रण दिया। कक्षा 10वीं की छात्रा निशा यादव ने बच्चों के लिए हवाई यात्रा का वायदा पूरा करने पर मुख्यमंत्री श्री साय के प्रति आभार प्रकट किया