ऑपरेशन का सबसे बड़ा खुलासा, हमास आतंकियों की तरह नक्सलियों ने सुरंग में बनाया था ठिकाना

The biggest revelation of the operation, like Hamas terrorists, Naxalites had made their hideout in the tunnel

बीजापुर,18जनवरी 2025 : छत्तीसगढ़ में नक्सली ऑपरेशन से जुड़ा अब तक का सबसे बड़ा खुलासा हुआ है। पता चला है कि नक्सलियों ने हमास आतंकवादियों की तरह सुरंगों में ठिकाना बनाया हुआ था। बड़ी लेथ मशीनों के जरिये नक्सली बंदूकें और देसी रॉकेट व राकेट लॉन्चर बना रहे थे। नक्सलियों ने सुरंगों में हथियार बनाने की फैक्टरी लगा रखी थी।

बीजापुर जिले के उसूर ब्लॉक के पुजारी कांकेर व मारुड़बाका के जंगल में गुरुवार को सुरक्षाकर्मियों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में मारे गए 12 नक्सलियों के शव बरामद कर लिए हैं और साथ ही हथियारों का बड़ा जखीरा भी बरामद किया है।

बीजापुर और तेलंगाना की सीमा पर तीन जिलों के नक्सलियों के खिलाफ जवान बड़ा ऑपरेशन चला रहे हैं। गुरुवार को सुरक्षाकर्मियों की एक संयुक्त टीम नक्सल विरोधी अभियान पर निकली थी। दक्षिण बीजापुर के जंगल में सुबह करीब नौ बजे गोलीबारी शुरू हो गई।

बताया जा रहा है कि नक्सली बड़ी बैठक ले रहे थे। इसमें छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना कैडर के हार्ड कोर नक्सली बैठक में शामिल थे। इनामी नक्सलियों के भी मारे जाने की खबर है। पुलिस ने सूचना के आधार पर ये एनकाउंटर किया है। घना जंगल होने की वजह से नक्सली भाग नहीं पाये। सभी जवान सुरक्षित बताये जा रहे हैं।

सुरंग में मिला नक्सलियों का जखीरा


सुरक्षाबलों को तलाशी में सुरंग में हथियारों का बड़ा जखीरा मिला है। पता चला है कि नक्सली लेथ मशीन की मदद से हथियार बनाते थे। बड़ी संख्या में पाइप और अन्य सामग्री मिली है।

2 करोड़ के खूंखार नक्सली हिड़मा की बटालियन PGLA और फोर्स के साथ दो दिन तक मुठभेड़ चली। फोर्स को भारी पड़ता देख नक्सली हिड़मा और देवा पहाड़ी की तरफ भाग निकले।

तलाशी में एक बड़ी सुरंग मिली है। इसी सुरंग में नक्सली हथियार छिपाते थे। सुरंग से बड़ी संख्या में हथियारों की खेप मिली है। नक्सल कैम्प से जवानों ने हथियार और अन्य सामान बरामद किया है। नक्सलियों ने जवानों पर फायरिंग करने के लिए नाली को जेसीबी की मदद से बनाया था।

सुरंग को बनाया था ढाल


नक्सलियों की इसी सुरंग में देसी रॉकेट लांचर बनाये जाते थे। फोर्स से छुपाने के लिए सुरंगों को लोहे की मोटी प्लेट से ढक रखा था ताकि गोली अंदर न जा सके और नक्सली सुरक्षित रह सकें।