अमेरिका से तनातनी…भारत दौरे पर आ रहे रूसी राष्ट्रपति पुतिन, भारत-रूस संबंध ट्रंप की नाराजगी के बावजूद कायम

Tensión con Estados Unidos… El presidente ruso Putin llega a la India, las relaciones entre India y Rusia siguen intactas a pesar del descontento de Trump

नई दिल्ली,07अगस्त : अमेरिका से मची तनातनी के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत आ रहे हैं. गुरुवार को मॉस्को में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के हवाले से बताया गया कि राष्ट्रपति पुतिन इस साल के अंत में भारत का दौरा करेंगे. रूसी राष्ट्रपति के भारत दौरे की खबर ऐसे वक्त में आई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी तेल की खरीद से नाराज होकर भारत पर टैरिफ 50% तक बढ़ा दिया है.

रूसी न्यूज एजेंसी इंटरफैक्स (Interfax) ने अजीत डोभाल के हवाले से पहले बताया था कि राष्ट्रपति पुतिन अगस्त के अंत में भारत का दौरा करेंगे. हालांकि, बाद में खबर में संशोधन करते हुए एजेंसी ने बताया कि राष्ट्रपति पुतिन 2025 के अंत में भारत दौरे पर आएंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर पहले 25% टैरिफ लगाया था. इसके कुछ दिनों बाद ही उन्होंने घोषणा की थी कि रूसी तेल की खरीद के संबंध में भारत पर अमेरिकी टैरिफ बढ़ाई जाएगी. उन्होंने कहा था, ‘भारत न केवल रूस से बड़ी मात्रा में तेल की खरीद कर रहा है बल्कि खरीदे गए तेल का एक बड़ा हिस्सा खुले बाजार में बेचकर भारी मुनाफा भी कमा रहा है.

भारत को इस बात की परवाह नहीं है कि यूक्रेन में रूस की वॉर मशीन कितने लोगों को मार रही है. इसे देखते हुए मैं भारत पर टैरिफ बढ़ाने जा रहा हूं.’बुधवार को ट्रंप ने भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की जिससे कुल टैरिफ बढ़कर 50% हो गया है. भारत पर यह 50% टैरिफ ट्रंप का कार्यकारी आदेश जारी होने के 21 दिन बाद से लागू होगा. ट्रंप के अतिरिक्त टैरिफ को भारत के विदेश मंत्रालय ने तर्कहीन बताया है. मंत्रालय ने कहा, ‘यह कार्रवाई अनुचित, बेवजह और तर्कहीन है.’ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल की तरफ से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जारी बयान में कहा गया, ‘हाल के दिनों में अमेरिका ने रूस से भारत के तेल आयात को निशाना बनाया है.

हम इन मुद्दों पर पहले ही अपना रुख साफ कर चुके हैं जिसमें यह फैक्ट भी शामिल है कि हमारा आयात बाजार के हालातों पर आधारित है. और इसका मकसद भारत की 140 करोड़ आबादी की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना है.’