कलेक्टर ने बैठक लेकर अधिकारियों को दिए दिशानिर्देश
कांकेर,12 अगस्त (वेदांत समाचार) 2024। स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर करने तथा विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदाय करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शासकीय शालाओं और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण किया जाएगा। इसके लिए शासन द्वारा समय-सीमा निर्धारित की गई है। इसी तारतम्य में कलेक्टर नीलेश महादेव क्षीरसागर ने सोमवार को संबंधित अधिकारियों की बैठक लेकर शासन के निर्देशानुसार युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया प्रारंभ करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि इसके लिए ब्लॉक स्तर पर अनुविभागीय अधिकारी एवं जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है।
कलेक्टोरेट के सभाकक्ष में आज दोपहर को आयोजित बैठक में उन्होंने बताया कि इसके प्रथम चरण में अतिशेष विद्यालयों का युक्तियुक्तकरण किया जाएगा, जबकि दूसरे चरण में अतिशेष शिक्षकों का नियमानुसार युक्तियुक्तकरण किया जाएगा। बैठक में कलेक्टर ने स्पष्ट तौर पर निर्देशित किया कि युक्तियुक्तकरण की सम्पूर्ण कार्यवाही शासन द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशानुसार ही की जाएगी तथा किसी प्रकार के संशय की स्थिति में उच्चाधिकारी द्वारा मार्गदर्शन आवश्यक रूप से लेकर ही करें। साथ ही उन्होंने सभी अनुविभागीय अधिकारियों को अतिशेष शालाओं एवं शिक्षकों की जानकारी बनाते समय पूरी तरह से सतर्कता एवं सावधानी बरतने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने इस दौरान विभिन्न अधिकारियों की शंकाओं का समाधान भी किया।
बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी अशोक पटेल ने बताया कि राज्य शासन के निर्देशानुसार जिले में स्थित स्कूल शिक्षा विभाग के अधीनस्थ स्कूलों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया आगामी 20 अगस्त से 16 सितम्बर के बीच किया जाएगा। इसी तरह अतिशेष शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण आगामी 04 सितम्बर से 11 अक्टूबर के मध्य सम्पन्न होगा। उन्होंने इसके लिए ब्लॉक स्तर पर गठित समिति के सदस्यों को निर्धारित प्रपत्र में अतिशेष शालाओं एवं शिक्षकों का चिन्हांकन कर उनकी पूरी जानकारी समय सीमा में उपलब्ध कराने के लिए कहा। बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी ने अतिशेष स्कूलों और शिक्षकों के संबंध में शासन द्वारा जारी निर्देशों की जानकारी विस्तार से दी। इस अवसर पर सभी अनुभाग के अनुविभागीय अधिकारी, महिला एवं बाल विकास अधिकारी, नगरीय निकाय के अधिकारी तथा स्कूल शिक्षा विभाग के बीईओ, एबीईओ, बीआरसी तथा समग्र शिक्षा के अधिकारी मौजूद थे।