दिल्ली 21 नवंबर 2023। छत्तीसगढ़ के झीरम घाटी हत्याकांड को लेकर सुप्रीम कोर्ट से बड़ा फैसला आया है। सुप्रीम कोर्ट ने एनआईए की अपील को खारिज कर दिया है। दरअसल साल 2013 में हुए झीरम घाटी हत्याकांड की जांच एनआईए ने की थी। इस हत्याकांड में हुए षड़यंत्र का खुलासा नही होने पर जितेंद्र मुदलियार ने याचिका इस हत्याकांड की जांच छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा किये जाने की अपील की थी। जांच एजेंसी एनआईए ने इस अपील पर आपत्ति लगायी गयी थी, जिसे खारिज करते हुए कोर्ट ने जांच का आदेश दे दिया है। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद अब छत्तीसगढ़ पुलिस झीरम कांड की जांच कर सकेगी।
छत्तीसगढ़ में 25 मई 2013 के दिन को आज भी काला दिन के रूप में देखा जाता है। 25 मई को ही बस्तर के झीरम घाटी में नक्सली हमले में कांग्रेस नेताओं की नृशंस हत्या कर दी गयी थी। इस हत्याकांड में माओवादियों ने कांग्रेस के 30 नेताओं की हत्या कर दी गयी थी। इस हत्याकांड की जांच के लिए बकायदा केंद्र सरकार द्वारा एनआईए को जिम्मेदारी दी गयी थी। लेकिन सालों की जांच के बाद भी इस बात का खुलासा नही हो सका कि आखिर इतनी बड़ी वारदात के पीछे किसकी साजिश थी।
कांग्रेस नेताओं द्वारा लगातार छत्तीसगढ़ पुलिस से जांच की मांग की जाती रही। इसके बाद इस मामले की जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जितेंद्र मुदलियार द्वारा छत्तीसगढ़ पुलिस से जांच के निर्देश की अपील की गयी थी। इसके बाद झीरम घाटी मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बताया कि इस हत्याकांड की जांच एनआईए ने पहले की थी, लेकिन एनआईए ने बृहद षंड़यंत्र की जांच नहीं की थी और जांच को बंद कर दिया था।
इतना ही नहीं जब पुलिस द्वारा झीरमकांड की जांच कराने की याचिका लगाया गया, तब एनआईए ने इस याचिका का भी विरोध किया। एनआईए ने छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा जांच कराने की अनुमति नहीं देने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में लगायी थी। इस पर सुनवाई के बार सुप्रीम कोर्ट ने एनआइ्रए की इस याचिका को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब छत्तीसगढ़ पुलिस झीरम घाटी हत्याकांड की जांच कर सकती है।