कोरबा, 28 फरवरी ।जिले में स्थित मेडिकल कॉलेज अस्पताल को जांजगीर-चांपा से पहला देहदान मिला है, जिससे मेडिकल कॉलेज के छात्रों को सीखने में मदद मिल रही है। कोरबा के सरकारी मेडिकल कॉलेज में छात्रों की सुविधा के लिए फिलहाल 5 पार्थिव देह उपलब्ध हैं।
भारत सरकार के द्वारा पिछले वर्षों में कोरबा को मेडिकल कॉलेज की सुविधा उपलब्ध कराई गई, जहां पर चिकित्सा की पढ़ाई प्रारंभ हो गई है। 125 सीट वाले मेडिकल कॉलेज कोरबा में प्रोफेसर के द्वारा छात्रों को चिकित्सा के विभिन्न आयाम की शिक्षा दी जा रही है।
असिस्टेंट प्रोफेसर और मेडिकल कॉलेज के उप अधीक्षक डॉक्टर शशिकांत ने बताया कि एनाटॉमी यानी शरीर रचना विज्ञान से संबंधित प्रयोग शिक्षा प्राप्त करने के लिए मृत देह जरूरी है। ऐसे में 25 छात्र प्रैक्टिस के लिए एक शव का उपयोग कर रहे हैं।
वर्तमान में मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा अध्ययन के लिए पांच पार्थिव देह रखी गई है। हाल में ही जांजगीर चांपा जिले से एक ऐसा शव यहां भेजा गया है। बताया गया कि समय के साथ कई प्रकार के मिथक टूट रहे हैं और लोग देहदान के संकल्प करने के मामले में जागरूकता दिखा रहे हैं।
जिला मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक रविकांत जाटवाड़ ने बताया कि जांजगीर जिले से एक शव डोनेट किया गया है, जो जिला मेडिकल कॉलेज के लिए पहला है। जिला मेडिकल कॉलेज को पहला देहदान मिला है। उन्होंने कहा कि कोरबा जिले में भी जन जागरूकता अभियान चलाया गया है, जहां कुछ लोगों ने देहदान किया है जो आने वाले समय में निश्चित ही मेडिकल कॉलेज में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं को लाभ मिलेगा।