प्रदेश के कई जिलों में लागू होगा सख्त नियम,इन लोगों को नहीं मिलेगा पेट्रोल, जानें क्यों?

Strict rules will be implemented in many districts of the state, if you reach petrol pump without helmet, you will have to return

रायपुर/, 30 अगस्त 2025।सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लगाने और आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रायपुर, दुर्ग जिला सहित प्रदेश के कई जिलों में प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। प्रशासन ने घोषणा की है कि 1 सितंबर से जिलेभर में ‘नो हेलमेट, नो पेट्रोल’ की नीति लागू की जाएगी। इसके तहत यदि कोई भी दोपहिया वाहन चालक पेट्रोल भरवाने के लिए पेट्रोल पंप पर बिना हेलमेट पहुंचेगा तो उसे पेट्रोल उपलब्ध नहीं कराया जाएगा।

इस नियम का मकसद लोगों को हेलमेट पहनने की आदत डालना और सड़क सुरक्षा को मजबूत बनाना है। आंकड़ों के अनुसार, सड़क हादसों में बड़ी संख्या में मौतें और गंभीर चोटें सिर्फ हेलमेट न पहनने के कारण होती हैं। प्रशासन का मानना है कि यदि हर व्यक्ति नियमित रूप से हेलमेट का उपयोग करेगा, तो दुर्घटना में होने वाले नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

जिला प्रशासन ने इस नीति को सख्ती से लागू करने के लिए सभी पेट्रोल पंप संचालकों को आदेश जारी किए हैं। पंप मालिकों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि बिना हेलमेट आए किसी भी ग्राहक को पेट्रोल न दिया जाए। इसके अलावा, जो लोग सिर्फ पेट्रोल दिलवाने के लिए उधार या किसी और का हेलमेट लेकर आएंगे, उन पर भी कड़ी निगरानी रखी जाएगी। प्रशासन का कहना है कि यह नियम केवल औपचारिकता के लिए नहीं है, बल्कि इसे पूरी गंभीरता से लागू किया जाएगा।

यातायात विभाग ने भी विशेष तैयारियां की हैं। ट्रैफिक पुलिस की टीमें शहर के प्रमुख चौक-चौराहों और पेट्रोल पंपों पर तैनात रहेंगी। उनका काम यह सुनिश्चित करना होगा कि नियम का पालन हर स्थिति में हो। यदि कोई पेट्रोल पंप इस आदेश का उल्लंघन करता पाया गया, तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

ASP ट्रैफिक ऋचा मिश्रा ने आम जनता से इस मुहिम को सफल बनाने में सहयोग की अपील की है। उन्होंने कहा कि “हेलमेट पहनना केवल नियम पालन के लिए नहीं, बल्कि आपकी अपनी और आपके परिवार की सुरक्षा के लिए आवश्यक है। प्रशासन का उद्देश्य किसी को परेशान करना नहीं, बल्कि लोगों को सुरक्षित रखना है।”

स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने भी इस पहल का स्वागत किया है। उनका मानना है कि यह नियम लोगों की सोच और व्यवहार में सकारात्मक बदलाव लाने में सहायक होगा।

दुर्ग जिला प्रशासन की यह पहल पूरे प्रदेश के लिए एक अनुकरणीय कदम साबित हो सकती है। यदि यह अभियान सफल होता है तो अन्य जिलों में भी इसे लागू किया जा सकता है। आने वाले समय में इसका असर सड़क दुर्घटनाओं में कमी के रूप में देखने को मिल सकता है।