भाजपा व कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने आदिवासी नेता नंदकुमार के पार्टी बदलने पर कह दी ये बड़ी बात…

Senior leaders of BJP and Congress said this big thing on the change of party of tribal leader Nandkumar…

प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री और रामपुर विधायक ननकीराम कंवर ने कहा है कि भाजपा के पूर्व सांसद और वरिष्ठ आदिवासी नेता नंद कुमार साय के कांग्रेस में शामिल होने से भाजपा को कोई नुकसान नहीं होगा। भाजपा अब देश ही नहीं बल्कि विश्व की सबसे बड़ी पार्टी है। जब पार्टी बनी और अब कितने प्रतिशत बढ़ गई यह देश के लोगों से ही नहीं विदेश के लोगों से भी पूछिए। उनको अब क्या तकलीफ थी यह वही बता सकते हैं। जो पार्टी छोड़कर चले गए अब उनके बारे में क्या बोल सकता हूं। उनकी उपेक्षा वाली बात का मुझे नहीं मालूम है। लेकिन जूनियर होते हुए भी पार्टी ने उन्हें अध्यक्ष बनाया था। मैं उनसे काफी सीनियर हूं। इसके बाद भी हमने कुछ भी नहीं कहा। उनकी पार्टी से क्या अपेक्षा थी यह मैं नहीं बता सकता। हम सभी पार्टी में रहते हुए लोगों और देश के लिए काम करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्र के लिए काम कर रहे हैं। उसकी सभी सराहना कर रहे हैं। सबकी अपनी अपनी सोच होती है।
कटघोरा कांग्रेस विधायक पुरुषोत्तम कंवर का कहना है कि नंदकुमार साय तीन बार सांसद, दो बार राज्यसभा सांसद, तीन बार विधायक और भाजपा के अध्यक्ष रहे हैं। वरिष्ठ आदिवासी नेता होने के कारण उनका पूरा प्रदेश में प्रभाव है। कांग्रेस में शामिल होने पर निश्चित ही पार्टी को फायदा होगा.

नंदकुमार साय कांग्रेस में किन परिस्थितियों में आए नहीं मालूम : राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल
प्रदेश के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा हैं कि पूर्व सांसद नंदकुमार साय भाजपा छोड़कर कांग्रेस में किन परिस्थितियों में आए मुझे इसकी जानकारी नहीं हैं। मुझे रायपुर बुलाया गया था। लेकिन कार्यक्रम होने की वजह से नहीं जा पाया। प्रदेश में आदिवासी वर्ग के लिए 29 सीट आरक्षित है, पर कांग्रेस के 30 विधायक आदिवासी वर्ग से हैं। आदिवासी समाज का हमेशा से कांग्रेस को आशीर्वाद मिलता रहा है.

कांग्रेस में दूसरी पार्टी के नेताओं को महत्व नहीं मिलता, नंदकुमार साय वापस आएंगे : रामदयाल उइके
पूर्व विधायक और भाजपा नेता रामदयाल उइके का कहना है कि नंदकुमार साय का पार्टी छोड़ना उनका व्यक्तिगत मामला है। पार्टी ने उन्हें सब कुछ दिया। सांसद, विधायक, पार्टी अध्यक्ष, जनजाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे। थोड़ा सा धीरज रखते तो कोई और पद मिलता। कांग्रेस में दूसरे पार्टी से जाने वाली नेताओं को महत्व नहीं मिलता। मुझे विश्वास है कि श्री साय फिर से वापस पार्टी में आएंगे.