हिंदी का पर्चा देख इंग्लिश मीडियम के परीक्षार्थियों के पसीने छूटे….

Seeing the Hindi paper, English medium candidates started sweating...

मोबाइल और मेंटल हेल्थ को लेकर सवाल के लिए अभिभावक ने माशिमं को भेजा सराहना पत्र

कोरबा। भारत में सर्वाधिक हिंदी भाषा बोली जाती है। लेकिन इस विषय के दसवीं कक्षा की परीक्षा देते हुए इंग्लिश मीडियम के परीक्षार्थियों को पसीना बहाना पड़ गया। हिंदी माध्यम की बजाय इंग्लिश मीडियम स्कूलों के परीक्षार्थियों ने हिंदी के सरल प्रश्नपत्र को कठिन अनुभव किया। हिंदी भाषा की सही मात्रा और सही व्याकरण के साथ उत्तर लिखने में परेशान परीक्षार्थियों ने एक दूसरे से उत्तर जानने का कोशिश भी की लेकिन परीक्षा हाल में ड्यूटी कर रहे पर्यवेक्षकों ने उनकी एक नहीं चलने दी। परीक्षा की गोपनीयता गरिमा को लेकर पर्यवेक्षकों ने कड़ा संदेश दिया। यह दृश्य बताता है कि इंग्लिश मीडियम स्कूलों में हिंदी की गुणवत्ता वाली पढ़ाई की समीक्षा करने की जरूरत है।

अच्छे प्रश्नपत्र निर्माण के लिए माशिमं रायपुर को सराहना भरा धन्यवाद पत्र भेजने वाली सारिका श्रीवास्तव ने बताया कि दसवीं हिन्दी के प्रश्नपत्र ने अभिभावकों का दिल जीत लिया। इसके अपठित गद्यांश में बच्चों के द्वारा मोबाइल का अतिशय उपयोग और इस वजह से माता पिता के परेशान रहने और मोबाइल के दुष्प्रभाव से मानसिक स्वास्थ्य पर पढ़ने को लेकर सवाल पूछे गए थे। अभिभावकों ने बताया कि प्रश्न पत्र का यह सवाल परीक्षार्थियों के लिए एक सीख साबित हो सकता है।

इसी तरह निबंध में कक्षा 12 की तरह चंद्रयान-3 के टॉपिक को रिपीट किया गया। वहीं पर्यावरण सुरक्षा के प्रति मनुष्य का कर्तव्य बेरोजगारी के कारण निदान छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेल परहित सरिस धर्म नहीं भाई जैसे शानदार टॉपिक पर निबंध पूछा गया। समाचार पत्रों की महत्ता को प्रतिपादित करते हुए आम जनता को मतदान के लिए जागृत करने के लिए संपादक को समाचार बनाने का आवेदन पूछा गया था। छत्तीसगढ़ के सुआ गीत नृत्य छत्तीसगढ़ के प्रथम शहीद पंथी नृत्य जैसे प्रश्न भी उल्लेखनीय रहे। सेट सी के एक सवाल में प्रिंटिंग मिस्टेक की वजह से परीक्षार्थी परेशान रहे। बांस की जगह बांझ का पेड़ छपने से कुछ समय के लिए कन्फ्यूजन हुआ बाद में परीक्षार्थियों का डाउट दूर कर दिया गया।