दुर्ग 29 सितंबर 2024। पति-पत्नी को बंधक बनाकर डकैती की वारदात का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पुलिस ने घटना के 2 महीने बाद डकैतों के गैंग को पकड़ा है। अंतर्राज्यीय डकैत गिरोह के आरोपियों को मशरूका सहित गिरफ्तार करने में दुर्ग पुलिस को कामयाबी मिली है। वहीं सांथ में माल खपाने वाला एजेंट भी दुर्ग पुलिस के हत्थे चढ़ा है। दरअसल जुलाई माह में पति पत्नी को बंधक बनाकर डकैती की घटना को अंजाम दिया गया था। इस दौरान करीबन 20 लाख रूपये की सोने चांदी के जेवरात, दो नग घड़ी व 26,000 रूपये नगदी डकैत लूट ले गये थे।
डकैती की घटना को लेकर पुलिस लगातार काम कर रही थी। लाखों रूपये के सोने चांदी के आभूषण व नगदी बरामद किये गये हैं। जानकारी के मुताबिक मध्यप्रदेश से बस बदलकर धार से इंदौर, हैदराबाद, रायपुर होते हुए डकैत दुर्ग तक आये थे। डकैत दुर्ग से घटना स्थल के पारा हाईवे रोड में पहुंचने के लिए ऑटो किराये पर लिया था। आटो का उपयोग कर डकैतों ने हाईवे से ट्रक से लिफ्ट मांगकर नागपुर की तरफ भाग गये थे।
पुलिस ने मामले के खुलासे के लिए 550 से भी अधिक सीसीटीव्ही कैमरे की तलाशी ली थी। वहीं 1000 से ज्यादा मोबाइल नंबरों को ट्रैस किया गया। डकैती का तरीका आपराधिक भील गिरोह की तरह था, लिहाजा पुलिस ने मध्यप्रदेश के धार झाबुआ में कैंप किया था। घटना के मुख्य आरोपी सहित दो आरोपी धार से गिरफ्तार शेष फरार बताये जा रहे हैं। डकैती में लूटे गये सोने चांदी के जेवरात को खरीदने वाले भूरसिंह चौहान को गिरफ्तार किया गया है। करीबन 165 ग्राम सोने चांदी के जेवरात की खरीदी की थी।
जून में हुई थी डकैती की वारदात
दरअसल 8 जून को दिलीप मिश्रा के गनियारी रोड दिलीप टिंबर रसमड़ा चौकी अंजोरा जिला-दुर्ग में लूट की वारदात हुई थी। गनियारी रोड रसमड़ा प्रार्थी का मकान दिलीप टिंबर में अज्ञात पांच नकाबपोश आरोपी घुस गये और घर का दरवाजा तोड़कर पति-पत्नी को जान से मारने की धमकी देकर बंधक बना लिया। वहीं उनके हाथ पैर बांधकर आलमारी तोड़कर उसमें रखे करीबन 35 तोला सोने के जेवरात सोने व नगदी रकम लगभग 26,000 रूपये तथा तीन नग घड़ी जुमला कीमती करीबन 20,00,000 रूपये को लूटकर भाग गये।
भील गिरोह ने दिया था डकैती की वारदात को अंजाम
घटना स्थल व घटना स्थल के आने जाने वाले मागों में लगे सीसीटीव्ही कैमरों का अवलोकन किया गया, जिसमें घटना को घटित करने पांच आरोपियों के फूटेज प्राप्त हुये। फूटेज व तरीका वारदात के आधार पर आरोपियों की पहचान आपराधिक भील गिरोह धार झाबुआ म.प्र. के आपराधिक भील गिरोह के रूप में चिन्हित हुआ। जिसके बाद एक विशेष टीम गठित कर डीएसपी काईम के नेतृत्व में धार झाबुआ क्षेत्र में लगातार 22 दिनों तक कैंप कर सीसीटीव्ही कैमरें फूटेज के आधार पर लगातार पहचान की कोशिश की। जिसके बाद मुख्य आरोपी की पहचान भंगू डावर निवासी नरवानी थाना टांडा जिला धार के रूप में हुई। पुलिस टीम के द्वारा घेराबंदी कर लगातार कई प्रयासों के बाद अंततः भंगू डावर निवासी नरवाली को पकड़ने में सफलता मिली।
पुलिस ने 22 दिन तक मध्यप्रदेश में किया कैंप
भंगू डावर से पूछताछ करने पर अपने सांथी दिलीप, गणपत, भाया, अनिल राठौर, अनिल बघेल के साथ मिलकर ग्राम रसमड़ा में डकैती एवं एनएसपीसीएल रूआंबांधा, खम्हारडीह क्षेत्र रायपुर मे चोरी करना स्वीकार किया। अन्य आरोपियों को पकड़ने का काफी प्रयास किये गये जो सकुनत से फरार मिले। डकैती एवं चोरी से मिले माल को भूरसिंह उर्फ भूरिया ग्राम पीपलदल्या थाना टांडा जिला धार को बेचना बताया। टीम के द्वारा तत्काल पतासाजी कर भूरसिंह उर्फ भूरिया को थाना टांडा क्षेत्र में पकड़ा गया जिसके द्वारा माल मशरूका को अपने स्थानीय सोना चांदी के व्यापारी जैन के पास बेचना बताया जिसकी पतातलास जारी है।