रायपुर, 29 नवम्बर I प्रदेश के 10 हजार से अधिक मेडिकल स्टोर्स के संचालकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे भारत सरकार द्वारा जारी पत्र के अनुसार अपने प्रतिष्ठान में दवाओं के दुष्प्रभाव की रिपोर्टिंग के लिए विशेष क्यूआर कोड और पीवीपीएल टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 1800-180-3024 की रंगीन प्रति अनिवार्य रूप से चस्पा करें। यह व्यवस्था सुनिश्चित करने विभाग ने निर्देश दिए हैं कि यह सूचना ग्राहकों को आसानी से दिखनी चाहिए, ताकि किसी भी दवा का रिएक्शन होने पर आम लोग तुरंत अपनी शिकायत दर्ज करा सकें। केंद्र सरकार के निर्देश पर पहली बार ऐसी पहल की जा रही है।
कई बार दवाएं लोगों के शरीर पर अलग-अलग तरह से असर करती हैं। ऐसे मामलों में समय पर की गई रिपोर्टिंग अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। अब लोग सीधे 1800-180-3024 नंबर पर कॉल कर सकते हैं या क्यूआर कोड स्कैन कर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
शिकायत दर्ज होने पर जानकारी संबंधित अधिकारी के पास पहुंचेगी और टीम दवा के रिएक्शन के कारणों की जांच करेगी। ड्रग अफसरों ने बताया कि यह कदम आम लोगों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। मेडिकल स्टोर्स को यह निर्देश भी दिए गए हैं कि क्यूआर कोड और हेल्पलाइन नंबर ऐसी जगह पर लगाए जाएं जिन्हें ग्राहक आसानी से देख सकें।
आम लोगों को ये फायदा- दवा के बारे में पता लगेगा, सही जांच हो सकेगी
दवा के दुष्प्रभाव की तत्काल रिपोर्टिंग
किसी भी प्रकार का रिएक्शन होने पर तुरंत हेल्पलाइन पर सूचना दी जा सकेगी।
समय पर चिकित्सा सलाह और जांच
शिकायत मिलते ही संबंधित अधिकारी तुरंत मामले की जांच करेंगे, जिससे दवा से जुड़े जोखिम कम होंगे।
लोग होंगे ज्यादा जागरूक
ग्राहकों को यह जानकारी मिलेगी कि दवा लेने के बाद अगर कोई असामान्य लक्षण हों तो उसे नजरअंदाज न करें।
दवा की गुणवत्ता पर रहेगी नजर
लगातार मिलने वाली शिकायतों के आधार पर उन दवाओं की गुणवत्ता पर भी नजर रखी जा सकेगी।
क्या है पीवीपीएल
फार्मेको विजिलेंस प्रोग्राम आफ इंडिया (पीवीपीएल) यह भारत सरकार का एक कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य दवाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। साथ ही उनके दुष्प्रभावों की निगरानी करना है। इस कार्यक्रम के तहत, आम लोग दवाओं के दुष्प्रभाव की रिपोर्ट कर सकते हैं और स्वास्थ्य अधिकारियों को सूचित कर सकते हैं।
कैसे काम करेगा कोड
- आम लोग दवाओं के दुष्प्रभाव की रिपोर्ट करने के लिए इस नंबर पर फोन करेंगे या कोड को स्कैन करेंगे और पूरी जानकारी देंगे। इससे उनका काम आसान हो जाएगा।
- रिपोर्ट सीधे सहायक खाद्य एवं औषधि नियंत्रक के पास पहुंचेगी।
- अधिकारी दवाओं के दुष्प्रभाव की जांच करेंगे और आवश्यक कार्रवाई करेंगे।
- औषधियों की लगातार की जाएगी जांच
जिले के मेडिकल स्टोर में हेल्प लाइन नंबर और क्यूआर कोड चस्पा किए जा रहे हैं। दवाओं के रिएक्शन पर लोग क्यूआर कोड या हेल्पलाइन के जरिए शिकायत कर सकेंगे। औषधि प्रशासन की ओर से इसकी जांच की जाएगी।







