भारत में बढ़ा तुर्की के खिलाफ विरोध, उत्पादों के बहिष्कार की मांग तेज

Protest against Türkiye increased in India, demand for boycott of products intensified

तुर्की बना भारत का ‘दुश्मन नंबर-1’, ड्रोन हमलों में पाकिस्तान को दी मदनई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच कुछ दिनों तक चली सैन्य कार्रवाई के बाद अब स्थिति सामान्य हो रही है, लेकिन इस पूरे घटनाक्रम ने अंतरराष्ट्रीय संबंधों की एक नई तस्वीर पेश की है। तुर्की इस तनावपूर्ण स्थिति में भारत के खिलाफ सबसे बड़ा ‘विलेन’ बनकर उभरा है। तुर्की ने पाकिस्तान को न केवल सैन्य समर्थन दिया, बल्कि भारत पर हुए हमलों में इस्तेमाल हुए ड्रोन भी मुहैया कराए।

इस भूमिका को लेकर भारत में तुर्की, अजरबैजान और उज्बेकिस्तान के खिलाफ विरोध शुरू हो गया है। सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक ‘बॉयकॉट तुर्की’ अभियान जोर पकड़ रहा है। खासतौर पर तुर्की से आने वाले उत्पादों को लेकर लोगों में नाराजगी देखी जा रही है।

  • चीनी मिट्टी की वस्तुएं और सिरेमिक टाइल्स
  • हाथ से बनी सजावटी वस्तुएं, मोज़ेक आर्ट और पारंपरिक टाइल्स
  • फैशन परिधान और बुने हुए कपड़े
  • आभूषण (जेवरात)
  • सूखे मेवे जैसे हेज़लनट्स, किशमिश, बादाम, अखरोट
  • जैतून और जैतून का तेल
  • चॉकलेट, कन्फेक्शनरी और हर्बल चाय
  • प्रोसेस्ड फूड और मसाले

भारत-तुर्की व्यापार में आई गिरावट

वित्त वर्ष 2023-24 में भारत और तुर्की के बीच द्विपक्षीय व्यापार 10.43 अरब डॉलर रहा। भारत ने तुर्की को 6.65 अरब डॉलर का निर्यात किया, जबकि 3.78 अरब डॉलर का आयात किया गया। हालांकि, फरवरी 2024 से फरवरी 2025 के बीच इस व्यापार में गिरावट दर्ज की गई है।

  • भारत का निर्यात: 470 मिलियन डॉलर से घटकर 461 मिलियन डॉलर (2.06% की गिरावट)
  • तुर्की से आयात: 375 मिलियन डॉलर से घटकर 143 मिलियन डॉलर (61.9% की गिरावट)