विश्व सर्प दिवस पर अग्रसेन कन्या महाविद्यालय कोरबा  में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन, पीपीटी के माध्यम से बच्चों ने जाना सांपों की पहचान एवं  महत्व।

Programa de concientización organizado en Agrasen Kanya Mahavidyalaya Korba en el Día Mundial de la Serpiente, los niños aprendieron la identificación y la importancia de las serpientes a través de PPT.

कोरबा /विश्व सर्प दिवस (16 जुलाई) के अवसर पर अग्रसेन कन्या महाविद्यालय, कोरबा में ‘नोवा नेचर वेलफेयर सोसाइटी’ ने पीपीटी के माध्यम से जागरूकता कार्यक्रम आयोजन किया। यह दिवस हर साल लोगों में सांपों के संरक्षण, उनके महत्व और उनके बारे में व्याप्त भ्रांतियों को दूर करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। सांप पारिस्थितिकी तंत्र में चूहे और अन्य जीवों की आबादी को नियंत्रित कर कृषि और प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं।

इस जागरूकता कार्यक्रम में महाविद्यालय के बीए, बीकॉम, बीएससी जूलॉजी और बी.एड. से 200 से अधिक छात्राओं ने भाग लिया, कार्यक्रम के दौरान छात्राओं में सांपों को लेकर काफी उत्सुकता देखने को मिली, उन्होंने सांपों से जुड़े कई प्रश्न पूछे, जिनके रोचक और वैज्ञानिक उत्तरों ने सभी को रोमांचित कर दिया।

इस अवसर पर जितेंद्र सारथी ने विषैले और गैर विषैले सांपों की पहचान, सर्पदंश की स्थिति में प्राथमिक उपचार और सर्पदंश से बचाव के उपायों की जानकारी दी। वहीं नोवा नेचर से जीव विज्ञानी सिद्धांत जैन ने सांपों की शरीर रचना, पारिस्थितिकी तंत्र में उनके महत्व, सर्पविष के दुष्प्रभाव और उनके उपचार के बारे में विस्तार से बताया।

कार्यक्रम में छात्राओं ने सांपों के महत्व को समझा और उनके संरक्षण की आवश्यकता को महसूस किया। कार्यक्रम का उद्देश्य छात्राओं में प्रकृति और वन्यजीवों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाना था ताकि समाज में सांपों जैसे महत्वपूर्ण जीवों के संरक्षण में भागीदारी सुनिश्चित हो सके।

इस कार्यक्रम में कोरबा एसडीओ श्री सूर्यकांत सोनी, ,नोवा नेचर वेलफेयर सोसाइटी से जितेंद्र सारथी, सिद्धांत जैन ,भूपेंद्र जगत , अग्रसेन कॉलेज के अध्यक्ष सुनील जैन,महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. मनोज कुमार झा, एनईपी नोडल अधिकारी मिस अंजना चौधरी तथा समस्त सहायक प्राध्यापकगण उपस्थित रहे, जिन्होंने कार्यक्रम की सराहना करते हुए छात्राओं को प्रकृति और वन्यजीव संरक्षण में सहभागी बनने के लिए प्रेरित किया।