प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजनाः आत्मनिर्भरता और पर्यावरण संरक्षण की ओर एक सफल कदम

Plan de electricidad gratuita Pradhan Mantri Suryaghar: un paso exitoso hacia la autosuficiencia y la protección del medio ambiente

छत पर सोलर पैनल लगाकर हितग्राही ऊर्जा, पर्यावरण व पैसे तीनों का एक साथ कर रहे  संरक्षण
अब हर महीने बिजली बिल में हो रही हजारों की बचतः- हितग्राही डॉ बी पी विश्वकर्मा

कोरबा 07 जुलाई 2025/प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना आज देश के हर घर को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल साबित हो रही है, जो न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दे रही है, बल्कि आमजन की आर्थिक बचत का जरिया भी बन रही है। पीएम सूर्यघर योजना से सरकार लोगों को सौर ऊर्जा से जुड़ने का अवसर दे रही है, जिससे उनका बिजली पर खर्च घट रहा है और पर्यावरण को भी संरक्षण मिल रहा है, साथ ही उन्हें सस्ती और सतत बिजली का स्रोत उपलब्ध हो रहा है, जो उनके जीवन स्तर को बेहतर बना रहा है।
पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना से शहर के रविशंकर शुक्ल नगर में एचआईजी-15 निवासी डॉ बीपी विश्वकर्मा ने अपनी घर की छत पर 3 किलोवाट का रूफटॉप सोलर प्लांट लगवाया है। छत पर सोलर पैनल लगाकर हितग्राही  ऊर्जा, पर्यावरण व पैसे तीनों का एक साथ संरक्षण कर रहे हैं। इस योजना के अंतर्गत उन्हें केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक सब्सिडी प्रदान की गई, जिससे सोलर पैनल की कुल लागत में उल्लेखनीय कमी आई। अब उनके घर की बिजली जरूरतें सौर ऊर्जा से पूरी हो रही हैं और मासिक बिजली बिलों में भी राहत मिली है।  हितग्राही डॉ विश्वकर्मा ने योजना से मिल रहे लाभ के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि ऊर्जा के पारंपरिक स्रोतों से हटकर पर्यावरण-अनुकूल विकल्प अपनाने की दिशा में पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना बड़ी फायदेमंद है। उन्होंने कहा कि पहले जहाँ हर महीने बिजली का खर्च उनकी जेब पर भारी पड़ता था, अब वही राशि उनकी बचत का हिस्सा बन गई है। सोलर पैनल से ही घरेलू खपत की बिजली खुद पूरी कर रहे है, जिससे उन्हें अधिक बिजली बिल के भुगतान से राहत मिली है। साथ ही हर महीने बिजली बिल में हजारों की बचत हो रही है।  उन्होंने कहा कि अब उनके घर में बिजली की निर्बाध आपूर्ति होने अब हर महीने बिजली बिल में हो रही हजारों की बचत से बिजली कटौती की समस्या खत्म हो गई है। साथ ही सोलर पैनल से पंखा, बल्ब, टीवी, एसी और अन्य उपकरण आसानी से चल रहे हैं।
डॉ. विश्वकर्मा ने बताया कि योजना की जानकारी मिलते ही उन्होंने हरित ऊर्जा अपनाने का निश्चय किया। ऑनलाइन आवेदन करने के कुछ दिनों के अंदर ही  विभागीय स्वीकृति मिली एवं उनके छत पर 1.90 लाख रुपए की लागत से 3 किलोवाट का सोलर पैनल लग गया। इसके लिए उन्हें केंद्र सरकार से तत्काल 78 हजार की सब्सिडी भी प्राप्त हुई। करीब 7 माह पहले उनकी छत घर पर सोलर पैनल स्थापित हुई।
योजना का लाभ लेने से पहले घरेलू बिजली 5-6 हजार प्रतिमाह उन्हें भुगतान करना पड़ता था, अब वहीं  बिजली बिल आधे से घटकर 500 से 1000 तक सिमट गया है। हितग्राही डॉ विश्वकर्मा ने अपनी प्रसन्नता जाहिर करते हुए बताया कि अब हमारा परिवार बिजली के मामले में आत्मनिर्भर हो गए हैं साथ ही पर्यावरण के प्रति भी अपनी जिम्मेदारी भी निभा पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा भी योजना में 30 हजार तक सब्सिडी दी जा रही है, जल्द ही वे 2 किलोवाट का अतिरिक्त सोलर पैनल अपनी छत पर लगवाएंगे और अपनी घरेलु बिजली खपत की पूर्ति करेंगे साथ ही अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में प्रवाहित कर बिजली उत्पादन में योगदान देंगे। डॉ विश्वकर्मा ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार की इस योजना ने हमें बिजली खपत में आत्मनिर्भर बना दिया है। अब हम न केवल बिजली बचा रहे हैं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दे रहे हैं।