कोरबा 22 जून 2025/शहर के प्रतिष्ठित व्यवसाई स्व. विमल कोहली का 05 फरवरी 2022 में दुखद निधन हो गया था। स्टार अलायड एंड केमिकल्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टर स्व. विमल कोहली ने एचडीएफसी बैंक से 50 लाख और आदित्य बिरला कंपनी से 35 लाख, दोनों से कुल 85 लाख रुपए का लोन लिया था। लोन की सुरक्षा के लिए स्व. विमल कोहली ने एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस और रिलायंस लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से क्रेडिट प्रोटेक्शन इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदा था। लोन लेने के कुछ ही दिनों बाद विमल कोहली का दुखद निधन हो गया। स्व कोहली के भाई विवेक कोहली ने इंश्योरेंस कंपनियो को सूचना देकर उन्हें बकाया लोन की किस्तों का भूगतान करने का निवेदन किया लेकिन इंश्योरेंस कंपनी ने बीमा का लाभ नहीं दिया। विपरीत परिस्थितियों का लाभ उठाकर ऋणदाता बैंक लोन की किस्तों का भूगतान करने दबाव डालने लगी। एचडीएफसी बैंक और आदित्य बिरला ने स्व. कोहली के कंपनी को डिफाल्टर घोषित करने की धमकी देकर लोन की किस्त वसुलने लगे जिससे बाद स्व विमल कोहली के भाई विवेक कोहली ने अधिवक्ता नूतनसिंह ठाकुर के माध्यम से दोनों इंश्योरेंस कंपनियों और बैंक के खिलाफ जिला उपभोक्ता आयोग कोरबा में मामला पेश किया। आयोग ने दोनों पक्षों की सुनवाई करने के बाद इन्श्योरेन्स कंपनियों के खिलाफ फैसला सुनाते हुए कुल 85 लाख रुपए 6 प्रतिशत ब्याज से देने का आदेश पारित किया है।
जिला उपभोक्ता आयोग कोरबा के समक्ष अब तक का यह सबसे बड़ा मामला है जिसमें इंश्योरेंस कंपनी के खिलाफ सेवा में कमी के लिए इतनी बड़ी रकम चुकाने का फैसला सुनाया गया है। अधिवक्ता नूतनसिंह ठाकुर के माध्यम से इंश्योरेंस कंपनी और ऋणदाता बैंकों को लीगल नोटिस भेजकर विमल कोहली द्वारा लिए गए 85 लाख रुपए के कर्ज की वसूली उसके परिवार से नहीं करने और क्रेडिट इंश्योरेंस के शर्त के अनुसार इंश्योरेंस कंपनी से कर्ज की वसूली करने का निवेदन किया था। दोनों इंश्योरेंस कंपनी ने बीमा लेने के कुछ दिन बाद ही विमल कोहली के अचानक निधन हो जाने का ग़लत फायदा उठाते हुए बीमा पालिसी जारी नहीं होने का बहाना बनाया। विमल कोहली को बिजनेस लोन लेने का बहाना बनाकर उसे उपभोक्ता मानने से इंकार कर दिया। इंश्योरेंस कंपनीयों द्वारा बीमा पालिसी का लाभ देने से इंकार के बाद विमल कोहली के परिवार से ऋणदाता बैंक जबरन कर्ज की वसुली करने लगे। विमल कोहली के भाई ने अधिवक्ता नूतनसिंह ठाकुर के माध्यम से जिला उपभोक्ता संरक्षण आयोग कोरबा में इंश्योरेंस कंपनी और लोन प्रदाता बैंक के खिलाफ मामला प्रस्तुत किया। सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद जिला उपभोक्ता आयोग ने दि. 29/5/2025 को परिवादी कोहली परिवार के पक्ष में फैसला सुनाया। अधिवक्ता नूतनसिंह ठाकुर की ओर से प्रस्तुत तर्को को सुनने के बाद जिला आयोग ने माना कि इंश्योरेंस कंपनी ने सेवा में भारी कमी किया है। व्यक्ति के साथ कंपनी भी उपभोक्ता की श्रेणी में आता है। इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए प्रीमियम राशि का भूगतान लेने के बाद इंश्योरेंस कंपनी बीमा पालिसी का लाभ उपभोक्ता को देने के लिए दायित्वाधीन है।
दोनों मामलों में उपभोक्ता आयोग ने इंश्योरेंस कंपनियों को 25-25 हजार रुपए मानसिक और आर्थिक क्षतिपूर्ति और 15-15 हजार रुपए वाद व्यय परिवादी को अलग से चुकाने का आदेश किया।
नया उपभोक्ता कानून लागू होने के बाद जिला उपभोक्ता आयोग में 50 लाख रुपए तक के मामले पेश किया जा सकता है। नया कानून लागू होने के बाद यह सबसे बड़ा मामला है जिसमें परिवादी विवेक कोहली को दो मामलों में कुल 85 लाख रुपए चुकाने का आदेश पारित किया गया है।
स्व. विमल कोहली के कंपनी को 85 लाख रुपए देने का आदेशसेवा में कमी पर इंश्योरेंस कंपनी के खिलाफ आयोग का फैसला
Orden de pago de 85 lakh de rupias a la empresa del difunto Vimal Kohli Decisión de la Comisión contra la compañía de seguros por deficiencia en el servicio