विजयादशमी पर रावण के साथ जलेंगे मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले,

On Vijayadashami, effigies of Meghnath and Kumbhakaran will be burnt along with Ravana.

कोरबा/दशहरा को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है. सत्य पर असत्य की जीत का सबसे बड़ा त्योहार दशहरा को विजयादशमी  भी कहा जाता है. दशहरा हर साल पूरे देश में धूमधाम से मनाया कोरबा के दर्री क्षेत्र के सीएसईबी पश्चिम स्थित लाल मैदान मे तैयार हो रहे रावण के पुतले को बनाने का लगभग पूरा हो गया है। कारीगरों द्वारा रावण, के साथ मेघनाथ एवं कुंभकरण के पुतले का भी निर्माण किया जा रहा है। गौरतलब है कि इस बार दर्री क्षेत्र के लाल मैदान मे रावण के साथ मेघनाथ एवं कुंभकरण दहन का कार्यक्रम धूमधाम से मनाया जाएगा। शाम 4 बजे से कार्यक्रम शुरू हो जाएगा जो लगभग 11.00 बजे तक चलेगा। इस बार समिति ने प्रस्ताव रखा था कि कुछ नया करें उसको लेकर रावण के साथ मेघनाथ और कुंभकरण का पुतला भी जलाया जाएगा।

इस बार आतिशबाजी भी विशेष आकर्षण का केन्द्र रहेगी। उन्होंने कहा कि विजयादशमी का त्यौहार शहर के लोग शांति और सौहार्द के साथ मनाएं। यह पहला मौका होगा जब जिले मे रावण, कुंभकर्ण, मेघनाथ का पुतला एक के बाद एक धू धू कर जलेगा. रावण की लंबाई 110 फिट से अधिक है, कुंभकर्ण 65 और मेघनाथ का पुतला 60 फिट बताई गई है.
 आधुनिक विशेषताओं जिसमे रावण पुतला गुस्से से रावण की आँख होगी लाल, निकलेगी आग, सिर हिलाते हुए मुह से धुआँ भी निकालेगा.मेघनाथ अपना ढाल घुमाते हुए युद्द के लिए ललकारेगा.कुंभकर्ण के खर्राटे से गुंजेगा लाल मैदान.मेघनाथ, कुंभकर्ण का वध पहले होगा जिसके बाद बारी होगी अहंकारी रावण की, रावण अपने अहंकार मे चूर होकर श्री राम को यूद्ध के लिए ललकारेगा इस बीच राम – रावण के बीच संवाद होगा जिसके बाद श्री राम रावण का वध करेंगे और इसी के साथ बुराई के प्रतिक का अंत होगा और अच्छाई की जीत होगी.