नए साल के पहले दिन ही सचिवों और विभागाध्यक्षों की बैठक में मुख्यमंत्री ने दिया शासकीय कामकाज में कसावट लाने का मंत्र

On the first day of the new year, in a meeting of secretaries and department heads, the Chief Minister gave the mantra of tightening the government work

आम जनता की समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए मुस्तैदी से करें काम : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय


मुख्यमंत्री ने नए साल के पहले दिन सचिवों और विभागाध्यक्षों की बैठक ली


रायपुर,/मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज नए साल के पहले दिन ही मंत्रालय में सभी विभागों के सचिवों और विभागों के विभागाध्यक्षों की बैठक लेकर शासकीय काम-काज में पारदर्शिता और कसावट लाने के साथ-साथ आमजनता से जुड़े मामलों का तत्परतापूर्वक त्वरित  एवं प्रभावी निराकरण करने के निर्देश दिए।
     मुख्यमंत्री श्री साय ने बैठक में दो टूक कहा कि प्रशासनिक काम-काज में किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी से लेकर निचले स्तर तक के अधिकारी-कर्मचारी समय पर कार्यालय आएं और पूरी मुस्तैदी से अपने दायित्वों का निर्वहन करें। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि विकसित छत्तीसगढ़ के लक्ष्य को हासिल करने के लिए हम सभी को टीम भावना के साथ काम करना होगा।
     मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि वर्ष 2024 में हमने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रमुख गारंटियों को पूरा किया है। वर्ष 2025 छत्तीसगढ़ का रजत जयंती वर्ष है। रजत जयंती वर्ष का छत्तीसगढ़ के लिए विशेष महत्व है, इसलिबहुत उत्साह से निष्ठापूर्वक अपने दायित्वों का निर्वहन करें। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को विशेष अभियान संचालित कर लंबित फाइलों को तत्परता से निराकृत करने की हिदायत दी। उन्होंने मंत्रालय सहित सभी ऑफिसों में ई-ऑफिस की व्यवस्था को सुचारू रूप से लागू करने के निर्देश दिए।


     मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि वे स्वयं सभी विभागों के कार्यों की समीक्षा करेंगे। उन्होंने सभी विभागीय सचिवों को अपने विभाग की नियमित समीक्षा करने के निर्देश देते हुए कहा कि  हर महीने वर्चुअल समीक्षा के साथ ही हर 3 महीने में भौतिक समीक्षा भी की जाए। साथ ही बड़ी योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही समस्याओं का समयबद्ध निराकरण करने का प्रयास करें और मुख्य सचिव तथा प्रमुख सचिव को अवगत कराएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आम आदमी की समस्याओं का समय पर निराकरण होना जरूरी है।
     मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि ईज ऑफ लिविंग और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर हमारा फोकस होना चाहिए। छत्तीसगढ़ में अभी निवेश का बहुत अच्छा माहौल बना है। छत्तीसगढ़ की औद्योगिक नीति 2024-2030 की पूरे देश में सराहना की जा रही है। नई औद्योगिक नीति का लाभ निवेशकों को मिले, इसका विशेष ध्यान रखें।
     मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति मजबूत होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विगत एक साल में हमने नक्सल मोर्चे पर बड़ी कामयाबी पाई है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति स्थापित  करने में हम कामयाब हुए हैं। शासन की योजनाओं को नक्सल प्रभावित क्षेत्रों तक ले जाने की आवश्यकता है। नियद नेल्ला नार योजना का लाभ क्षेत्र के लोगों को मिले, यह बहुत जरूरी है। नक्सली क्षेत्र में बहुत से सुरक्षा कैंप हमने खोले हैं। इस बात का ध्यान रखें कि संबंधित विभाग के कार्य जो नियद नेल्ला नार योजना के तहत आते हैं, वे त्वरित गति से इन क्षेत्रों में पूर्ण हों।  छत्तीसगढ़ के दूरस्थ आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों तक शासन की योजना का लाभ पहुंचाना सेवा का कार्य है।
     मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलों के प्रभारी सचिव हर 2 महीने में जिलों का दौरा करें। इस दौरान वे जिले के अंदरूनी क्षेत्रों में जाएं और फील्ड की जानकारी लें, तभी जमीनी स्तर पर योजनाओं के क्रियान्वयन की वास्तविक स्थिति पता चलेगी। उन्होंने प्रभारी सचिवों को अपने जिले के भ्रमण के दौरान वहां की स्थिति के के सम्बन्ध में मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव अनिवार्य रूप से अवगत कराने के निर्देश दिए।
     मुख्यमंत्री श्री साय ने जिलों में भी प्रशासनिक कसावट का विशेष ख्याल रखने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि ट्रैफिक व्यवस्था पर भी बहुत ध्यान दिए जाने की जरूरत है। आजकल बहुत सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं। अभियान चला कर सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम का पुख्ता प्रबंध किया जाना चाहिए ताकि इसमें कमी लायी जा सके। छत्तीसगढ़ में अन्य राज्यों से नशे की सामग्रियों की तस्करी न होने पाए, इस पर कड़ाई से रोक लगाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पिछले एक वर्ष में नशे के अवैध कारोबार की रोकथाम के लिए अच्छा प्रयास किया गया है, इसमें और तेजी लाने की जरूरत है।
     बैठक में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक श्री अशोक जुनेजा, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री व्ही श्रीनिवास राव, प्रमुख सचिव, सचिव और विभागाध्यक्ष सहित अन्य अधिकारीगण  उपस्थित थे।