आखिरकार लोकसभा अध्यक्ष पर आम सहमति बन गई। कहा जा रहा कि ओम बिरला ही लोकसभा अध्यक्ष होंगे। सत्ता पक्ष की तरफ से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मोर्चा संभाला और काम बन गया। माना जा रहा है कि विपक्ष के साथ बातचीत में उपाध्यक्ष पद पर चर्चा हुई और सत्ता पक्ष ने यह पद त्यागने का फैसला कर लिया। इस तरह सत्ता पक्ष और विपक्ष ने एक-एकद कदम बढ़ाया और दोनों अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव को लेकर सहमत हो गए।
सत्ता पक्ष की तरफ से राजनाथ सिंह ने विपक्षी नेताओं से बात की और राजी-खुशी से यही तय हुआ कि लोकसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर एक-एक कैंडिडेट ही खड़े हों ताकि चुनाव की नौबत नहीं आए। संसद के निचले सदन के लिए दोनों ही महत्वपूर्ण पदों पर अब आम सहमति से निर्वाचन हो जाएगा। 2014 और 2019 में बीजेपी को अपने दम पर बहुमत मिलने और विपक्ष की दुर्दशा के कारण लोकसभा उपाध्यक्ष पद का पद 10 वर्षों तक खाली रहा। 16वीं और 17वीं लोकसभा में किसी को भी उपाध्यक्ष पद नहीं दिया गया। इसके लिए सरकार की आलोचना भी होती रही। हालांकि, 2014 से 2019 तक सुमित्रा महाजन जबकि 2019 से 2024 के कार्यकाल में ओम बिरला लोकसभा अध्यक्ष पद पर विराजमान रहे।