जिले की महिलाओं के मोबाइल में आया खुशियों का नोटिफिकेशन

Notification of happiness came on the mobile of women of the district

नारायणपुर,14 मार्च । शासन की महत्वाकांक्षी महतारी वंदन योजना से अब महिलाओं का आत्मनिर्भर और स्वावलंबन बनने का सपना साकार होगा। घर के महत्वपूर्ण निर्णयों में महिलाओं की भूमिका बढ़ेगी। घर की छोटी-छोटी जरुरतें पूरी होंगी। महिलाएं इस योजना के तहत प्राप्त राशि का कई कार्यों में उपयोग कर सकेंगी। किसी का सपना अपने बच्चों को अच्छे स्कूल में पढ़ाने का है, तो किसी का व्यवसाय प्रारंभ कर आत्मनिर्भर बनने का। इस योजना से महिलाओं के सपनों को अब नई पंख लगेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 मार्च को बटन दबाकर योजना के तहत प्रथम किश्त की राशि पात्र विवाहित महिलाओं के खाते में अंतरित की। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने महिलाओं को बधाई देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की एक-एक गारंटी को पूरा करने राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। महतारी वंदन योजना के तहत पहली किश्त की राशि पाकर जिले की महिलाएं काफी उत्साहित नजर आई। जिले के ग्राम छोटेडोंगर की सरोज कश्यप, ग्राम तेलसी की रोशनी साहू, कनेरा की हलालखोरीन सहित हजारों महिलाओं के खाते में राशि का अंतरण हो चुका है, जिससे महिलाओं में खुशी की लहर छाई है। 

सरोज ने कहा कि वह राशि का उपयोग घर खर्च तथा बच्चों के पढ़ाई लिखाई में उपयोग करेंगी और कोहकामेटा की सुशीला नुरेटी ने बताया कि वह अपने गांव के बाजार में सब्जी भाजी बेचने का व्यवसाय स्थापित कर आय में वृद्धि करेगी। ओरछा की लक्ष्मी कोर्राम ने बताया कि वह ओरछा बाजार में नाश्ता होटल खोलकर आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने में उपयोग करेगी। महिलाओं के महिला सशक्तिकरण की ओर कदम बढ़ाते हुए योजना बनाने के  लिए देश के यशश्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का धन्यवाद देते हुए आभार व्यक्त किया।

ज्ञात हो कि महतारी वंदन योजना के तहत् पात्र विवाहित महिलाओं को प्रतिमाह एक हजार के हिसाब से साल में कुल 12 हजार रुपए महिलाओं को प्रदान की जाएगी। योजना के तहत् 10 मार्च को प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी द्वारा पहली किस्त के रूप में जिले की 27 हजार से अधिक महिलाओं के खाते में 02 करोड़ 78 लाख रुपए की राशि अंतरित की गई। योजनांतर्गत विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग की 3 हजार 687 महिलाएं भी लाभान्वित हुईं।