बिलासपुर,20 मार्च । रेल मंडल के प्रमुख स्टेशनों में सुरक्षा तगड़ी होने वाली है। नौ स्टेशनों में 270 सीसी कैमरे लगाने की योजना है। इनमें से तीन में कैमरे से निगरानी शुरू भी हो गई है। बचे स्टेशनों में कैमरे लगाने का कार्य प्रगति पर है। सुरक्षा का यह इंतजाम निर्भया फंड से किया जा रहा है। रेलवे स्टेशन संवेदनशील होते हैं। यहीं कारण कि यहां आपराधिक गतिविधियों का भय बना रहता है। हालांकि सुरक्षा के लिहाज से आरपीएफ व जीआरपी दोनों की तैनातगी रहती है। साथ ही रात में गुजरने वाली ट्रेनों में पैट्रोलिंग भी होती है।
रेलवे के इन दोनों सुरक्षा विभागों में स्टाफ की कमी है। इसके कारण चप्पे-चप्पे पर निगरानी नहीं हो पाती है। इस परिस्थिति में सीसीटीवी कैमरे सबसे ज्यादा मददगार हैं। सबसे पहले जोनल स्टेशनों में कैमरे के जरिए सुरक्षा बढ़ाने के पुख्ता इंतजाम किए गए। वर्तमान में 82 कैमरों से यहां की निगरानी होती है। अन्य स्टेशनों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी रेल प्रशासन बेहद गंभीर है। इसी के तहत नौ स्टेशनों में कैमरे लगाने की योजना है। यहां 270 कैमरे लगाए जाएंगे।
संबंधित स्टेशनों में तैनात आरपीएफ को जगह ही चिन्हित करने का निर्देश दिया गया था। सर्वे का काम पूरा होते ही आरपीएफ ने जिन जगहों पर कैमरे की आवश्यकता बताई, उन्हीं लोकेशनों में कैमरे लगाए जा रहे हैं। पेंड्रारोड, अनूपपुर व शहडोल में तो 30-30 कैमरे लगाने का कार्य पूरा कर लिया गया है। इन तीनों स्टेशनों में कैमरे की कमान आरपीएफ को सौंपी गई है आरपीएफ पोस्ट कार्यालय में ही मानिटरिंग कक्ष बनाए गए हैं। वहां बड़ी-बड़ी साइज की स्क्रीन लगाई गई है। इस स्क्रीन में पूरे समय कैमरे के माध्यम से स्टेशनों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। शहडोल में हाल ही में मोबाइल चोर को कैमरे की मदद से पकड़ा गया। इस सफलता से रेलवे का हौसला बढ़ा है और संबंधित विभाग को अतिशीघ्र कैमरे लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
इन स्टेशनों में लगेंगे 30-30 कैमरे
पेंड्रारोड, अनूपपुर, शहडोल, चांपा, रायगढ, अकलतरा, कोरबा, अंबिकापुर, उमरिया
महिला यात्रियों की सुरक्षा है मुख्य उद्देश्य
इन स्टेशनों में कैमरे लगाने का मुख्य उद्देश्य महिला यात्रियों की सुरक्षा है। यात्री प्रतीक्षालय के अलावा स्टेशन के उस स्थान पर कैमरे लगाने पर फोकस किया गया है, जहां ट्रेनों के महिला कोच आकर रुकते हैं। कैमरे के अलावा रेलवे अलग से महिला सुरक्षा हेल्पलाइन, मेरी सहेली अभियान जैसे कार्य भी कर रही है, ताकि सामान्य यात्रियों के साथ-साथ महिला यात्रियों की तगड़ी सुरक्षा की जा सके।
कैमरा पहचान लेगा अपराधियों का चेहरा
सुरक्षा के इस पुख्ता इंतजाम में एक और खास बात है। इसमें फेस रेकग्निशन सिस्टम लगा है। इससे स्टेशन पर किसी जाने-पहचाने अपराधियों के घुसने पर अलर्ट जारी हो जाएगा। इससे आरपीएफ तत्काल मौके पर पहुंचकर अपराधी को पकड़ सकती है।
दो करोड़ होंगे खर्च
रेलवे स्टेशनों में सुरक्षा की इस व्यवस्था के लिए निर्भया फंड से दो करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। यह बजट मिलने के बाद ही रेलवे ने कैमरे लगाना शुरू कर दिया है। बचे छह स्टेशनों में भी इन हाई क्वालिटी के कैमरों को लगाने का कार्य चल रहा है।