रायपुर : नया दुकान एवं स्थापना अधिनियम : आर्थिक सशक्तिकरण की नई दिशा

New Shop and Establishment Act: New direction of economic empowerment

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा, राज्य के राजस्व में होगी वृद्धि

रायपुर, 20 फरवरी 2025/छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लागू किए गए नये दुकान एवं स्थापना अधिनियम को व्यापारिक जगत और नागरिकों का व्यापक समर्थन मिल रहा है। इस ऐतिहासिक फैसले से रोजगार के अवसरों में वृद्धि, व्यापारिक गतिविधियों के सुगमतापूर्वक संचालन के साथ ही राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा। खासतौर पर, दुकानों को बिना समय सीमा के संचालित करने की अनुमति मिलने से कारोबारियों के लिए व्यापार सुविधाजनक होगा और उपभोक्ताओं को भी बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। हालांकि, यह अधिनियम शराब दुकानों पर लागू नहीं होगा।
व्यापार और रोजगार की संभावनाओं को मिलेगी नई गति
सरकार का यह निर्णय ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए एक क्रांतिकारी कदम है। नए नियमों से छोटे दुकानदारों को राहत, पंजीयन प्रक्रिया में सरलता, और कर्मचारियों के अधिकारों का बेहतर संरक्षण सुनिश्चित किया गया है।
पहले से पंजीकृत दुकानों को 6 महीने के भीतर श्रम पहचान संख्या (LIN) प्राप्त करने के लिए आवेदन करना होगा, लेकिन इसके लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। यदि 6 महीने के बाद आवेदन किया जाता है, तो नियमानुसार शुल्क अनिवार्य होगा।
सातों दिन 24 घंटे दुकान संचालन की स्वतंत्रता
नए अधिनियम के तहत, व्यापारी अब अपनी दुकानें सप्ताह के सातों दिन और 24 घंटे खोलने के लिए स्वतंत्र होंगे। हालांकि, यह निर्णय पूरी तरह से व्यापारियों की इच्छा पर निर्भर करेगा। इस पहल से व्यवसायिक गतिविधियाँ बढ़ेंगी, जिससे नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
पुरानी व्यवस्था के अनुसार, सप्ताह में एक दिन दुकान बंद रखना अनिवार्य था, लेकिन अब यह प्रतिबंध हटा दिया गया है। हालांकि, सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश दिया जाए और किसी भी कर्मचारी से 8 घंटे से अधिक कार्य न कराया जाए।
श्रमिकों के अधिकारों की सुरक्षा प्राथमिकता
सरकार ने व्यापारिक स्वतंत्रता देने के साथ ही श्रमिकों के अधिकारों की सुरक्षा का भी विशेष ध्यान रखा है। दुकानदारों को श्रम कल्याण से संबंधित सभी प्रावधानों का पूर्ववत पालन अनिवार्य रूप से करना होगा। इसके तहत साप्ताहिक अवकाश का प्रावधान अनिवार्य होगा,  किसी भी कर्मचारी से 8 घंटे से अधिक कार्य नहीं कराया जा सकेगा और श्रम कल्याण योजनाओं का पालन सुनिश्चित करना होगा।
आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक मजबूत कदम
यह अधिनियम राज्य की आर्थिक गतिविधियों को नए आयाम देने के साथ-साथ व्यापारियों को अधिकतम स्वतंत्रता और सुविधा प्रदान करता है। इसके प्रभावी क्रियान्वयन से न केवल छत्तीसगढ़ में व्यापारिक गतिशीलता बढ़ेगी, बल्कि राज्य के राजस्व में भी वृद्धि होगी।
छत्तीसगढ़ सरकार का यह कदम न केवल व्यापार और उद्योग के लिए एक बड़ा सुधार है, बल्कि एक मजबूत और समावेशी आर्थिक प्रणाली की नींव भी रखता है।