चार महीने में 100 से ज्यादा नक्सली ढेर: महिला नक्सली ने खोली नक्सलियों के प्रोपेगेंडा की पोल,

More than 100 Naxalites killed in 120 days: Female Naxalite exposed Naxalite propaganda, said, she was in civil dress at the time of police attack, had hidden AK-47 in the village itself

रायपुर 18 मई 2024 । नक्सलियों द्वारा फर्जी मुठभेड़ के प्रोपेगेंडा पर लगातार खुलासे हो रहे हैं । पुलिस के सामने आत्म समर्पित की महिला नक्सली सरिता ककेम ने खुलासा किया है कि वो सिविल कपड़ों में रहकर नक्सलियों के लिये काम करती थी । सरिता ने बताया कि वह बीजापुर जिले के भैरमगढ़ के ग्राम तड़केल की रहने वाली है । वह 2007 में दलम में भर्ती हुई थी और कंपनी नंबर 2 में काम कर रही थी । जब 10 मई को पुलिस ने सूचना पर नक्सलियों को घेर कर फायरिंग की तब कई नक्सली जान बचाने के लिये इधर-उधर भागे पर मैं दौड़ नहीं पायी । सरिता ने बताया कि उसके पास एके-47 रायफल थी, इसको उसने एक जगह छुपा कर रखा था और मैं गांव की महिलाओं के साथ सिविल कपड़ो में ही थी लेकिन मैं पुलिस से बच नहीं पायी ।

अब ये बात और भी पुख्ता हो गयी है कि नक्सली महिलाओं का ढाल की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं । उन्हें सिविल ड्रेस में रखते हैं ताकि पकड़े जाने पर पुलिस पर इल्जाम लगाया जा सके लेकिन आत्म समर्पित नक्सली सरिता ककेम ने नक्सलियों की पोल खोल कर रख दी है ।

इसके साथ ही नक्सलियों द्वारा अफवाह फैलाई गई कि पुलिस ने तेंदूपत्ता तोड़ने के दौरान ग्रामीणों पर गोली चलाई जबकि सच्चाई ये है कि मुठभेड़ स्थल से तेंदूपत्ता तोड़ाई की जगह करीब 5 से 6 किलोमीटर दूर है । लगातार मुठभेड़ में मारे जाने से नक्सलियों के हौसले पस्त हुए हैं यही वजह है कि हर मुठभेड़ में प्रोपेगैंडा फैलाते हैं।

नक्सली बाकायाद अपने सदस्यों को हैंडबुक देकर रखते हैं जिसमें वे सारे मैन्युअल लिखे रहते हैं जिसे उन्हें फॉलो करना होता है । हैंडबुक में ये निर्देश रहता है कि पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये जाने पर अंदर की कुछ भी बात नहीं बताना है साथ ही जनमिलिशिया दल, एलजीएस, प्लाटून व कंपनी के बताने पर उनके साथ मिलकर हमला करने जाना चाहिये ।

महिला नक्सली के खुलासे से साफ है कि नक्सली साजिश के तहत कुछ सदस्यों को सिविल ड्रेस में रखते हैं ताकि पुलिस को चकमा दिया जा सके और गिरफ्तारी के वक्त आरोप लगा सकें ।