विकसित भारत 2047 की संकल्पना को साकार करने में चिकित्सा क्षेत्र निभाए अहम भूमिका – स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल

Medical sector should play an important role in realizing the concept of Developed India 2047 - Health Minister Shri Shyam Bihari Jaiswal

मेडिकल कॉलेज को निजी संस्थानों से बेहतर बनाने के निर्देश

डॉक्टरों से मरीजों के प्रति संवेदनशीलता बरतने का आह्वान

मंत्री श्री जायसवाल की अध्यक्षता में हुई मेडिकल कॉलेज की स्वशासी समिति की बैठक

कोरबा  21 मई 2025/ प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के “विकसित भारत 2047 “ की परिकल्पना को साकार करने हेतु स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से इस महाअभियान में अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी सुनिश्चित करने का आह्वान किया। यह विचार उन्होंने आज कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित स्व. बिसाहू दास महंत स्मृति शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय, कोरबा की स्वशासी समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किए।


बैठक में मेडिकल कॉलेज के संपूर्ण ढांचे, कार्यप्रणाली और सेवाओं को और अधिक सुदृढ़ और सशक्त बनाने के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की गई। मंत्री श्री जायसवाल ने निर्देश दिए कि शासकीय मेडिकल कॉलेज एवं चिकित्सालयों को इस प्रकार सुसज्जित किया जाए कि वे निजी स्वास्थ्य संस्थानों से अधिक बेहतर और भरोसेमंद विकल्प के रूप में उभरें। उन्होंने कहा कि संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देना, ओपीडी व आईपीडी में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य परामर्श की व्यवस्था सुनिश्चित करना, और मरीजों के साथ संवेदनशीलता के साथ व्यवहार करना चिकित्सा संस्थानों की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। स्वास्थ्य मंत्री ने डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ से कहा, “आपके कार्य और सेवा की गुणवत्ता इस प्रकार की होनी चाहिए कि स्वयं आप एक ब्रांड बन जाएं। आम जनता को आपके कार्य से न सिर्फ चिकित्सा सेवा मिले, बल्कि उन्हें सम्मान और संवेदना का भी अनुभव हो।“
बैठक के दौरान स्वास्थ्य विभाग के सचिव श्री अमित कटारिया ने मेडिकल कॉलेज में स्टाफ की भर्ती प्रक्रिया, आधार आधारित उपस्थिति प्रणाली, सेवा की पुष्टि और समग्र प्रबंधन व्यवस्था को प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन व्यवस्थाओं से संस्थान की पारदर्शिता और जवाबदेही में वृद्धि होगी।
’जनहित में डीएमएफ का बेहतर उपयोग’
बैठक में कलेक्टर श्री अजीत वसंत ने जिला खनिज संस्थान न्यास मद से चिकित्सा क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि डीएमएफ का प्रयोग जनहितकारी चिकित्सा अधोसंरचना के विकास, उपकरणों की उपलब्धता और सेवाओं के विस्तार में किया जा रहा है।

मेडिकल कॉलेज के पदेन सदस्य सचिव डॉ. के. के सहारे ने पिछली स्वशासी समिति बैठक के पालन प्रतिवेदन का वचन किया। स्वशासी समिति द्वारा पिछली बैठकों में पारित कार्यों को अनुमोदन प्रदान किया गया और प्रबंधन संबंधी महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इसमें स्किल लैब की स्थापना, ऑन कॉल ड्यूटी एवं कार्यालयीन कार्य हेतु हल्के वाहन की खरीदी, तथा वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए प्रस्तावित बजट पर विचार शामिल था।
’संवेदनशीलता हो चिकित्सकीय सेवा की आत्मा’
स्वास्थ्य मंत्री ने अंत में समस्त डॉक्टरों, नर्सों एवं मेडिकल स्टाफ को निर्देशित किया कि वे अपने व्यवहार में मानवीयता, संवेदनशीलता और सेवा भाव को सर्वोपरि रखें। उन्होंने कहा कि चिकित्सा सेवा केवल एक पेशा नहीं, बल्कि एक सेवा धर्म है, जिसे समर्पण और करुणा के साथ निभाया जाना चाहिए।
इस महत्वपूर्ण बैठक में वाणिज्य, उद्योग एवं श्रम मंत्री श्री लखनलाल देवांगन, कटघोरा विधायक श्री प्रेमचंद पटेल, जनप्रतिनिधि,सीईओ जिला पंचायत श्री दिनेश कुमार नाग, डॉ. यू . एस पैकरा,अधीक्षक डॉ. गोपाल सिंह कंवर, सीएमएचओ डॉ. केसरी, एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
समापन में मंत्री श्री जायसवाल ने भरोसा जताया कि राज्य सरकार के मार्गदर्शन में कोरबा मेडिकल कॉलेज आने वाले वर्षों में चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक अनुकरणीय मॉडल के रूप में उभरेगा।