दर्री डिवीजन के थाना/चौकी क्षेत्रान्तर्गत लगभग 70 से 80 निगरानी एवं गुंडा बदमाशों को तलब किया गया।
विगत 1 वर्ष में गुंडा, निगरानी बदमाशों एवं संपत्ति संबंधी मामलों में जेल से रिहा हुए आरोपियों को आपराधिक गतिविधियों मे पुनः लिप्त होने पर कठोर कारवाही की चेतावनी दी
कोरबा/ पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी (भापुसे) से प्राप्त दिशा निर्देश एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महोदय श्री अभिषेक वर्मा, नेहा वर्मा एवं नगर पुलिस अधीक्षक दर्री रविंद्र मीणा के पर्यवेक्षण में जिले के सभी राजपत्रित अधिकारी के निर्देश पर थाना/चौकी में चलाया गया विशेष अभियान
दर्री सब डिवीजन के थाना/चौकी जिसमें थाना दर्री, थाना बांकीमोंगरा, थाना कुसमुंडा, थाना दीपका एवं चौकी सर्वमंगला क्षेत्रान्तर्गत रहने वाले गुंडा एवं निगरानी बदमाश तथा विगत 1 वर्ष में जेल से रिहा हुए संपत्ति संबंधी अपराधों (चोरी, लूट, डकैती आदि) में संलिप्त आरोपियों की चेकिंग हेतु अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही समंस, गिरफ्तारी वारंट एवं स्थायी वारंट की चेकिंग हेतु भी अभियान चलाया जा रहा है।
नगर पुलिस अधीक्षक महोदय दर्री श्री रविन्द्र मीणा (भा. पु.से.)द्वारा दर्री डिवीजन के समस्त थाना चौकी क्षेत्र के लगभग 70-80 निगरानी एवं गुंडा बदमाशों के साथ-साथ संपत्ति संबंधी अपराध में रिहा हुए को तलब किया गया। नगर पुलिस अधीक्षक दर्री द्वारा कानून के दायरे में रहकर सुख शांति से जीवन यापन करने तथा किसी प्रकार के कोई अवैध गतिविधियों में शामिल नही होने के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए समझाइस दिया गया। इस दौरान दर्री डिवीजन के समस्त थाना/चौकी प्रभारी उपस्थित रहे। चेकिंग के दौरान दर्री डिवीजन के थाना/चौकी क्षेत्र में निवासरत गुंडा एवं निगरानी बदमाश, पिछले 1 वर्ष में जेल से रिहा हुए संपत्ति संबंधी अपराधों में संलिप्त अपराधियों को उनके निवास स्थान पर जाकर भौतिक रूप से चेक किया गया तथा कुछ को थाने बुला कर चेक किया गया। इसमें आरोपियों के वर्तमान में प्रयुक्त मोबाइल नम्बर, उनके आजीविका के साधन, उनके निवास आदि में हुए परिवर्तन सहित अन्य जानकारियां एकत्र की गयी। गुंडा तथा निगरानी बदमाशों के आजीविका के वर्तमान साधनों के बारे में जानकारी ली गयी तथा इन्हें आपराधिक गतिविधियों से दूर रहने हेतु कड़ी चेतावनी दी गयी। अपने निवास स्थान पर अनुपस्थित पाए गए व्यक्तियों की पतासाजी की जाकर उनकी भी गुज़र जांच की जा रही है। कइ तो अब अपराधिक जगत को छोड़ कामकाज में लग गए हैं जिसमें कोई गाड़ी चला रहा है कोई सब्जी बेच रहा है कोई मजदूरी कर रहा है उन लोग अपराधिक जीवन को छोड़कर सामाजिक जीवन जी रहे हैं। पुलिस के द्वारा सभी को मूल धारा में जुड़े रहने के लिए समझाइए दिया गया।