कोरबा/ कोरबा जिले के कटघोरा नगर पालिका चुनाव का माहौल अब पूरी तरह गर्मा चुका है। जहां कांग्रेस और बीजेपी अपने-अपने प्रत्याशियों के समर्थन में जुटी हैं, वहीं निर्दलीय प्रत्याशी कोमल जायसवाल ने चुनावी समीकरण को बदलने की कोशिश की है। जनता के बीच उनकी पैठ बढ़ती जा रही है, कोमल जायसवाल, निर्दलीय प्रत्याशी ने दोनों बड़े राजनीतिक दलों की चिंता बढ़ा दी है।
कटघोरा में वर्षों से चली आ रही अव्यवस्थाओं और विकास कार्यों की धीमी रफ्तार से जनता नाखुश है। इसी माहौल में सामाजिक कार्यकर्ता,कोमल जायसवाल,ने चुनाव में उतरकर एक नई राजनीतिक लहर खड़ी करने की कोशिश की है। उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जनता से जुड़ने की रणनीति अपनाई और बिना किसी बड़े संगठन के समर्थन के व्यापक जनसमर्थन जुटाने की कोशिश में जुटे हैं।
दोनो बड़े दलों का बिगड़ सकता है समीकरण
कांग्रेस ,बीजेपी दोनों ही दल अपने-अपने प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ रहे, लेकिन कोमल जायसवाल की सादगी, ईमानदारी और जनता से सीधा जुड़ाव उन्हें एक अलग पहचान दे रहा है। वे चुनावी नारों और वादों की बजाय जनसेवा के वास्तविक कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिससे लोगों का भरोसा उन पर बढ़ रहा है।
चुनाव प्रचार का अलग ट्रेंड
कोमल जायसवाल का चुनाव प्रचार पारंपरिक रैलियों और सभाओं के साथ साथ वे घर-घर जाकर लोगों से मिल रहे हैं, उनकी समस्याएं सुन रहे हैं और समाधान के ठोस प्रस्ताव रख रहे हैं।
दिलचस्प हुआ चुनाव
कटघोरा नगर पालिका परिषद की सियासत को समझने वालों की मानें तो निर्दलीय प्रत्याशी कोमल जायसवाल कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए चुनौती बन सकते हैं। अब देखना यह होगा कि क्या कोमल जायसवाल की यह जनसंपर्क रणनीति और जनता का विश्वास उन्हें नगर पालिका परिषद का अध्यक्ष बना पाता है या नहीं। लेकिन इतना तय है कि इस बार का चुनाव दिलचस्प और ऐतिहासिक होने जा रहा है।