कभी दिन भर की मजदूरी से दो-तीन रुपये कमाने वाली कैलाशो बाई को अब हर महीने मिल रहा एक हजार रुपये का संबल

Kailasho Bai, who once earned two or three rupees a day as a wage, now receives a monthly support of one thousand rupees.

अतीत के दर्द में वर्तमान की मुस्कान बनी महतारी वंदन योजना”

कोरबा 11 नवम्बर 2025/ जिले के पोड़ी-उपरोड़ा ब्लॉक के अंतर्गत नवापारा गांव में रहने वाली वृद्धा कैलाशो बाई का जीवन कभी बेहद कठिनाइयों से भरा हुआ था। करीब चार साल पहले पति के निधन के बाद वे पूरी तरह अकेली हो गईं। उम्र के इस पड़ाव में जब उन्हें सहारे की सबसे अधिक जरूरत थी, तब जीवनयापन के लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा।
कैलाशो बाई बताती हैं कि जब हसदेव नदी पर बांगो बांध का निर्माण कार्य चल रहा था, तब वे अपने पति के साथ वहां मजदूरी करती थीं। उस समय गाँव के कई लोग इस काम में जुटे हुए थे। उस दौरान दिन भर की कड़ी मेहनत के बाद भी उन्हें मात्र दो से तीन रुपये का मेहनताना मिलता था। इतने कम पैसे में घर चलाना बहुत मुश्किल था, परंतु अब परिस्थितियाँ बदल गई हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार की महतारी वंदन योजना ने उनके जीवन में नई उम्मीद और सहारा दिया है। इस योजना के तहत उन्हें हर महीने एक हजार रुपये की आर्थिक सहायता मिल रही है। कैलाशो बाई कहती हैं, “अब तो सरकार हमें घर बैठे हर महीने एक हजार रुपये दे रही है, जिससे घर का छोटा-मोटा खर्च आसानी से चल जाता है। जरूरत की चीजें खरीद लेती हूँ और किसी पर निर्भर नहीं रहना पड़ता।” वे आगे बताती हैं कि “अब इस उम्र में मजदूरी करना संभव नहीं है, लेकिन सरकार की इस योजना से हमें बहुत राहत मिली है।”
महतारी वंदन योजना के माध्यम से कैलाशो बाई जैसी हजारों महिलाओं को न केवल आर्थिक सहायता मिल रही है, बल्कि उनके जीवन में आत्मनिर्भरता और सम्मान की भावना भी मजबूत हुई है। यह योजना वास्तव में छत्तीसगढ़ की माताओं और बहनों के जीवन में सुरक्षा और संबल का प्रतीक बन चुकी है, तभी तो अतीत के दर्द को वह बिना भुलाए वर्तमान की खुशी में मुस्कुराते हुए सरकार से योजना के माध्यम से मिल रही राशि को बड़ा सहारा मानती है।