अगर आपकी निष्ठा सच्ची है तो देवता आपकी साधना भंग नहीं कर सकते हैं

If your devotion is true then the gods cannot break your sadhana.

कोरबा/सर्व देव शिव मंदिर सांडा कालोनी में चल श्री शिव महापुराण कि कथा प्रयागराज से विराजे श्रीमज्जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी घनश्यामाचार्य जी महाराज ने चतुर्थ दिवस पर भगवान शिव पार्वती का विवाह प्रसंग महाराज श्री ने बताया कि
भगवान शिव की शादी में आए हर तरह के प्राणी
जब शिव और पार्वती का विवाह होने वाला था, तो एक बड़ी सुंदर घटना हुई। उनकी शादी बहुत ही भव्य हो रही थी। इससे पहले ऐसी शादी कभी नहीं हुई थी। शिव जी जो दुनिया के सबसे तेजस्वी प्राणी थे – एक दूसरे प्राणी को अपने जीवन का हिस्सा बनाने वाले थे। उनकी शादी में बड़े से बड़े और छोटे से छोटे लोग शामिल हुए। सभी देवता तो वहां मौजूद थे ही, साथ ही असुर भी वहां पहुंचे। आम तौर पर जहां देवता जाते थे, वहां असुर जाने से मना कर देते थे और जहां असुर जाते थे, वहां देवता नहीं जाते थे स्वामी

घनश्यामाचार्य जी ने शिव पशुपति हैं, मतलब सभी जीवों के देवता भी हैं, तो सारे जानवर, कीड़े-मकोड़े और सारे जीव उनकी शादी में उपस्थित हुए। यहां तक कि भूत-पिशाच और विक्षिप्त लोग भी उनके विवाह में मेहमान बन कर पहुंचेउनकी आपस में बिल्कुल नहीं बनती थी। मगर यह तो शिव का विवाह था, इसलिए उन्होंने अपने सारे झगड़े भुलाकर एक बार एक साथ आने का मन बनाया। शिव पशुपति हैं, मतलब सभी जीवों के देवता भी हैं, तो सारे जानवर, कीड़े-मकोड़े और सारे जीव उनकी शादी में उपस्थित हुए। यहां तक कि भूत-पिशाच और विक्षिप्त लोग भी उनके विवाह में मेहमान बन कर पहुंचे। यह एक शाही शादी थी, एक राजकुमारी की शादी हो रही थी, इसलिए विवाह समारोह से पहले एक अहम समारोह होना था
आज की कथा में मुख्य जजमान दसरथ शर्मा, के साथ साथ सुरेश अग्रवाल,बेला गायधने, माया विनोद अग्रवाल,संगीता पालीवाल, बी एम दुबे,अशोक सींग,प्रमोद शुक्ला,राजेश तिवारी,शोभना परसाई,कामायनी दुबे, मीना सिंग,आभा दुबे,सुबोध शुक्ला रामदेव सिंग,राजेंद्र तिवारी, सुरेश अग्रवाल सहित दर्री साडा कालोनी के भक्त जनों ने शिव महापुराण कथा का रस पान किया