कोरबा के करुमौहा जंगल में बाघ के पैर के निशान, घर लौट रहे किसान ने देखा, फुट प्रिंट तैयार कर भेजा गया लैब

Huellas de tigre en el bosque Karumoha de Korba, vistas por un granjero que regresaba a casa. Las huellas fueron preparadas y enviadas al laboratorio.

कोरबा, 30 जुलाई 2025कोरबा से सटे करूमौहा जंगल में बाघ के पैर के निशान देखने को मिले है। 29 जुलाई को एक किसान घर लौट रहा था तभी उसने किसी जानवर के पद चिन्ह देखे। जिसके बाद वन विभाग को जानकारी दी। विभाग ने चिन्हों का फुट प्रिंट तैयार कर जांच के लिए लैब भेजा है।

जंगल में मिले पैर के निशान लगभग 15 सेंटीमीटर के थे। बाघ की आमद की खबर लगते ही आसपास के गांवों में डर का माहौल है। ग्रामीणों को सुरक्षा की चिंता सता रही है। ऐहतियात के तौर पर वन विभाग ने जंगल में गश्त बढ़ा दी है। जंगल में मिले पैर के निशान लगभग 15 सेंटीमीटर के थे, जो सामान्य वन्य प्राणी के पैर से बड़े हैं। इस कारण इन्हें बाघ के पग चिन्ह माना जा रहा है। टीम ने जंगल के अंदर निरीक्षण करते हुए चाकामार-कल्दामार के जंगल में अंतिम हिस्से में पग चिन्ह पाए हैं।

जिला मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर स्थित करूमौहा गांव के अधिकांश परिवार खेती-किसानी करते हैं। कुछ किसानों की जमीन जंगल के करीब है। बताया जा रहा है कि एक किसान खेत से काम निपटाकर घर लौट रहा था। इसी दौरान उसकी नजर कक्ष क्रमांक पी 1002 में एक पग चिन्ह पर पड़ी। इसे देखकर किसान चौंक गया।

ग्रामीणों ने जंगल में जाकर देखा तो उन्हें बाघ के आने की आशंका हुई। उन्होंने तुरंत वन विभाग के अधिकारियों को सूचना दी। सूचना मिलते ही वन विभाग के आला अधिकारियों के निर्देश पर वन परिक्षेत्र अधिकारी मृत्युंजय शर्मा ने डिप्टी रेंजर अजय कुमार सिदार के नेतृत्व में एक टीम रवाना की। वन विभाग की टीम देर शाम मौके पर पहुंची।

वन परिक्षेत्र अधिकारी मृत्युंजय शर्मा ने बताया कि संभावना है कि वन्य प्राणी कल्दामार के जंगल में डेरा डाल सकता है। आसपास के गांवों में मुनादी कराई गई है ताकि ग्रामीण सतर्क रहें। वन विभाग की संयुक्त टीम ने जंगल में मिले पग चिन्हों का फुट प्रिंट तैयार किया है। इसे जांच के लिए लैब भेजकर पदचिन्हों की पहचान सुनिश्चित की जाएगी।